2,714 लोगों की जा चुकी है जान
इन सालों में हुए हमलों में 2,714 लोगों की जान गई है, इसके साथ ही 728 लोगों के घायल होने की भी खबर आई। एक पाकिस्तानी अखबार ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीआईए की ओर से कराए गए इन ड्रोन हमले में बजौर, नुश्की, बन्नू, हांगू, खुर्रम, मोहमंद, उत्तरी वजीरिस्तान, खैबर, दक्षिण वजीरिस्तान और ओरक्जई में रहने वाले लोग निशाना बने है। अखबार ने ये रिपोर्ट नेशनल काउंटर टेररिज्म ऑथोरिटी (नाक्टा) के हवाले से छापा है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के शासकाल में गईं हैं सबसे ज्यादा जान
रिपोर्ट में ये भी कहा कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के शासनकाल में (यानी साल 2008 से 2012 के बीच) सबसे ज्यादा ड्रोन हमले हुए हैं। बताया जा रहा है कि इस अवधि में लगभग 336 हवाई हमले हुए। इसके चलते 2,282 लोग मारे गए और 658 लोग घायल भी हुए। नाक्टा के हवाले से छपी इस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि साल 2010 में 117 हमले कराए गए, इस दौरान 775 लोगों की मौत हुई।
2018 में दो हमले
वहीं नवाज शरीफ की अगुवाई वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमए-एल) के कार्यकाल यानी 2013 से 2018 के दौरान कुल 65 ड्रोन हमले हुए। इसमें भी सैंकड़ों लोग मारे गए। आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान 301 लोगों की मौत और 70 के घायल होने की खबर आई थी। इसके बाद 2018 में दो और ड्रोन हमले हुए जिनमें एक की मौत हुई थी।
बड़ी सफलताएं भी लगी हैं हाथ
कई बार ऐसे ड्रोन हमलों में अमरीका को बड़ी सफलता भी हाथ लगी है। आपको बता दें कि तहरीक-ए-पाकिस्तान के शीर्ष नेता को ऐसे ही एक ड्रोन हमले में मार गिराया गया था। इसके अलावा तालिबान का प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर भी ड्रोन हमले में मारा गया था।