राहत कैंप में रह रहे हैं लोग
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनडीएमसी) के अनुसार, विस्थापितों में बहुतों को अस्थायी आश्रयों में रखा गया है। इन परिवारों के लिए मठों और चक्रवात आश्रय केंद्रों ने अपने दरवाजे खोले हैं। समिति ने कहा कि गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के साथ माताओं के लिए अतिरिक्त आश्रय खोले गए हैं। देश के दक्षिणी, पूर्वी और मध्य हिस्सों में विस्थापित लोगों को 163 शिविरों में रखा गया है। कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को खाली कराये जाने के आदेश दिये जा चुके हैं।
प्रभावित लोगों को बांटे जा रहे राशन
आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़ पीड़ितों को चावल, नूडल्स और डिब्बाबंद मछलियां जैसे सूखी खाद्य सामग्रियां मुहैया करा रहा है। इसके अलावा कई सामाजिक संस्थाएं भी लोगों को राहत पहुंचाने का काम कर रही हैं। सरकार ने देश के लोगों को अपील की है कि वे इस नाजुक समय में हर संभव पीड़ित लोगों की मदद करें। बता दें कि इससे पहले वर्ष 2015 में म्यांमार में भयंकर बाढ़ आई थी जिसमें सौ से अधिक लोग मारे गए थे और 330,000 से अधिक विस्थापित हुए थे।