इन सबके बीच तख्तापलट होने के साथ ही खूनी संघर्ष शुरू हो गया है। शनिवार को एक सशस्त्र हमले में 12 लोगों की हत्या कर दी गई। मरने वालों में 9 आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मी हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला म्यांमार के स्व-शासित क्षेत्र के पूर्व प्रमुख निकाय सदस्य के काफिले पर किया गया है।
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चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि यह हमला म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी के 20 सदस्यों ने किया है। जिस काफिले पर हमला किया गया वह यू खिन मॉन्ग लुईन का काफिला था। लुईन म्यांमाल के स्व-शासित क्षेत्र कोकांग के सेंट्रल एग्जीक्यूटिव कमेटी के पूर्व सदस्य हैं।
खबर के अनुसार, इस हमले में 9 आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है, जबकि अन्य 8 आम नागरिक और 5 पुलिसवाले घायल हो गए। सेना ने लगातार हो रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच सशस्त्र बलों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान पर 28 फरवरी तक रोक लगा दी है।
1 फरवरी को सेना ने किया था तख्तापलट
आपको बता दें कि म्यांमार की सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट करते हुए लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को अपदस्थ कर दिया था और आंग-सान-सू की ( Aung San Suu Kyi ) समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया था।
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इसके बाद सेना ने ये घोषणा की थी कि तख्तापलट देश के लिए बहुत जरूरी था और अब एक साल के बाद चुनाव कराए जाएंगे। मालूम हो कि म्यांमार सेना की ओर से की गई इस कार्रवाई को लेकर अमरीका ने धमकी दी है कि सेना जल्द से जल्द अपने कदम को वापस लें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, भारत ने भी इसकी कड़ी आलोचना की है और म्यांमार में हो रही हर घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। संयुक्त राष्ट्र ने भी म्यांमार में तख्तापलट की आलोचना की है और लोकतांत्रिक मूल्यों को फिर से बहाल करने की अपील की है।