शरीफ ने विश्वास दिलाया था कि वह देश वापस लौट आएंगे। उन्होंने कानून व्यवस्था का पालन के अपने रिकॉर्ड का हवाला दिया। कोर्ट में हलफनामा दायर किया था। उन्होंने कहा था कि वह चार सप्ताह के अंदर डॉक्टरों द्वारा स्वस्थ घोषित होने के बाद पाक लौट जाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक इंटरव्यू में खान ने बताया कि शरीफ को पाकिस्तान जाने की अनुमति देना, उनकी एक बड़ी ‘गलती’ थी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को शरीफ से पाबंदियां हटाने का अफसोस है। खान के अनुसार ‘अब मैं शर्मिंदा हूं। अब उन्होंने (शरीफ) वहां रहकर अपनी राजनीति करनी शुरू कर दी है और जब आप उन्हें देखेंगे तो लगेगा जैसे उनके साथ कुछ हुआ ही नहीं है।’
इस साल मई में सोशल मीडिया पर नवाज शरीफ की एक तस्वीर वायरल हुई थी। इसमें वह लंदन के एक कैफे में अपने परिवार के साथ चाय पीते दिखाई दिए थे। इस तस्वीर के वायरल होने के बाद से पाक में शरीफ की सेहत को लेकर चर्चा शुरू हो गई। सत्ताधारी दल तहरीक-ए-इंसाफ के सदस्यों ने उन्हें वापस पाक लाकर भ्रष्टाचार के मामला चलाने की मांग उठाई थी।
बीते सप्ताह शरीफ की एक अन्य तस्वीर भी सामने आई। इसमें शरीफ सड़क पर चलते दिखाई दिए। इस दौरान सरकार को कड़ी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा। लोगों ने शरीफ को वापस लाने की मांग की है। खान के अनुसार शरीफ को रोग प्रतिरोधक तंत्र में समस्या थी। पाक सरकार में इस बीमारी को लेकर चर्चा हुई और तय हुआ कि उन्हें इलाज के लिए जाने की इजाजत दी जाए।
खान के अनुसार कोर्ट ने कहा था कि यदि शरीफ को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदार सरकार की होगी। पीएम ने कहा कि शरीफ के छोटे भाई शहबाज ने सात अरब रुपए के क्षतिपूर्ति बांड जमा किए थे। इसके साथ वचन दिया था कि उनके भाई वापस आएंगे। खान का कहना है उस समय अपने जो किया वह परिस्थिति के अनुसार था। हमकों ये कहा गया था कि यदि इस दौरान यदि कुछ नहीं किया गया तो नवाज की मौत हो जाएगी।