राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी का कहना है कि सुनामी के बाद कम से कम 281 लोग मारे गए हैं जबकि लगभग 1000 लोग घायल हो गए हैं| सैकड़ों लोग लापता है। बताया जा रहा है कि क्राकाटाओ ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद सुंडा स्ट्रेट के आसपास द्वीपों में सुनामी की वजह से बड़ी तबाही हुई है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि शनिवार रात आई सुनामी के बाद सैकड़ों लोग घायल हो गए और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। एजेंसी ने कहा कि सुनामी का कारण क्राकाटाओ ज्वालामुखी का फटना था। बता दें कि जावा और सुमात्रा के द्वीपों के बीच स्थित सुंडा जलडमरूमध्य जावा सागर को हिंद महासागर से जोड़ता है। इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी (बीएमकेजी) के एक बयान के अनुसार, “सुनामी ने सुंडा जलडमरूमध्य के कई क्षेत्रों को प्रभावित किया, जिसमें पांडेग्लंग रीजेंसी, सेरांग और दक्षिण लैंपुंग में समुद्र तट शामिल हैं”। शनिवार रात को स्थानीय समयानुसार रात करीब साढ़े नौ बजे सुनामी आई।
भू-भौतिकी एजेंसी ने कहा कि हिंद महासागर और जावा समुद्र को जोड़ने वाले सुंडा जलडमरूमध्य में सुनामी आने से करीब 24 मिनट पहले क्राकाटाओ का सहायक अनक ज्वालामुखी फटा था। इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान और भू-भौतिकी एजेंसी के वैज्ञानिकों ने कहा कि क्राकाटाओ ज्वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के नीचे भूस्खलन हुआ। जिसकी वजह से सुनामी पैदा हुई।लहरों के उफान का कारण पूर्णिमा का चांद भी रहा। इससे पहले सितंबर में सुलावेसी द्वीप पर पालू शहर में आए भूकंप और सुनामी में करीब 2,500 लोगों की मौत हुई थी। बताया जा रहा है कि शनिवार को आई सुनामी के बाद करीब 20 मीटर ऊंची लहरें उठीं जिससे होटलों सहित सैकड़ों मकान नष्ट हो गए। वेस्ट जावा के एनयर बीच पर मौजूद नार्वे के फोटोग्रॉफर ओएस्टीन लुंड एंडरसन ने कहा, “मैं समुद्र तट से विस्फोटित हो रहे क्राकाटोआ ज्वालामुखी की तस्वीरें ले रहा था। मैं अकेला था और मेरे परिवार कमरे में सो रहा था।” उन्होंने आगे बताया, “शाम के वक्त ज्वालामुखी में काफी विस्फोट हुए लेकिन समुद्र पर उठीं तेज लहरों से ठीक पहले वहां कोई गतिविधि नहीं हो रही थी। लेकिन अचानक मैंने समुद्र की लहरें आती देखीं और मैं वहां से भागा।”