पाक में अहमदिया को नहीं माना जाता मुसलमान
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर इस मस्जिद के ढहाये जाने का वीडियो काफी तेजी के साथ वायरल हो रहा है। बताया जाता है कि अहमदी समुदाय के संस्थापक मिर्जा गुलाम अहमद कभी इस मस्जिद में ठहरे थे। गुलाम अहमद ने भारतीय उपमहाद्वीप में 19वीं सदी में इस समुदाय की शुरुआत की थी। गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार ने 1974 में अहमदी समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया था। जिसके बाद से लगातार अहमदी समुदाय के लोगों के खिलाफ हिंसा बढ़ गई। सुन्नी बहुल पाकिस्तान में लगातार अहमददिया समुदाय के लोगों पर हिंसा बढ़ रही है।
नवाज शरीफ का बड़ा आरोप, कहा- मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मामला शुरू करने पर अब मुझे मिल रही है सजा
पाक के कानून मंत्री को देना पड़ा था इस्तीफा
आपको बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान में बेदखल हुए अहमदी समुदाय के लोगों ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा और उत्पीड़न का विवरण दिया गया था। सबसे खास बात की इस रिपोर्ट में कहा बताया गया था कि उन्हें किस तरह से बेवजह गिरफ्तार किया जाता है और आम चुनावों में मताधिकार का उपयोग नहीं करने दिया जाता है। रिपोर्ट में बताया गया था कि 2017 में 77 अहमदिया पर मामला दर्ज हुआ, जो कि भेदभाव वाले धार्मिक कानूनों के तहत किये गए थे। बता दें कि उन 77 लोगों में से 9 लोग अब भी कैद हैं और उनपर ईशनिंदा संबंधित आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावे घृणा अपराध में चार अहमदिया की हत्या की भी उल्लेख किया गया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के लोगों को स्वयं को मुस्लिम कहे जाने व इस्लामिक चिन्हों के इस्तेमाल से रोका गया है। अहमदिया समुदाय के लोगों पर आरोप है कि उनकी वजह से इस्लाम की बेअदबी होती है। इसी कड़ी में पीछले वर्ष पाकिस्तान के कानून मंत्री सनाउल्लाह ने एक टीवी साक्षात्कार के दौरान मुस्लिम और अहदिया में थोड़ा फर्क बता दिया था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में अहदिया को अधर्मी माना जाता है। इस घटना के बाद देश भर में उनका विरोध होना शुरु हो गया और फिर उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।