जिसने रची भारत के खिलाफ साजिश उसे गले लगा रहे सिद्धू, इस मकसद से पहुंचे पाकिस्तान पाकिस्तान में चुनाव से पहले इमरान खान देश की सड़कों पर निकले और जनता से कई सारे वादे किए खास तौर पड़ोसी मुल्क भारत से संबंधों को लेकर उन्होंने बड़ा वादा किया कि उनकी सरकार दोनों देशों के बीच संबंधों में मिठास लाने की कोशिश करेगी। यही नहीं जिस आधार पर इमरान ने चुनाव लड़ा वो था तात्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भ्रष्टाचार के आरोपों पर लड़ा था। उन्होंने कहा था कि, देश को ‘लूटने’ वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। यानी अब देश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनेगी।
आपको बता दें कि इमरान खान ने मनी लॉन्ड्रिंग या धनशोधन की समस्या से निपटने के लिए ब्रिटेन से सहयोग मांगा है। खान ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरिजा मे के साथ बातचीत में उनसे इस समस्या से निपटने में सहयोग मांगा। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई है।
खान का ब्रिटेन से यह आग्रह इस दृष्टि से महत्वपूर्ण हो जाता है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके रिश्तेदार भ्रष्टाचार के एक मामले में इस समय जेल में हैं। उनके खिलाफ कथित मनी लॉन्ड्रिंग और रिश्वतखोरी के कई अन्य मामले भी हैं।
इस्लामाबाद: राष्ट्रपति हाउस में शपथ ग्रहण समारोह, 22वें प्रधानमंत्री बन रहे हैं इमरान खान इसके अलावा भारत से संबंध सुधारने की चुनौती पाकिस्तान के नए पीएम के लिए सबसे बड़ी है। 2016 में हुए उड़ी हमले के बाद दोनों देशों के संबंधों में जो गहरी दरार बनी उसको आज तक भी भरा नहीं जा सका है। इस तनातनी की वजह से भारत ने पहले 2016 में पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन का बहिष्कार किया था। इससे उबरना भी इमरान के लिए बड़ा चैलेंज है।