वैसे तो कई बार पाकिस्तान भारत की सहनशीलता और शराफत का फायद उठाकर अपनी नापाक हरकतों को अंजाम दे चुका है लेकिन जनवरी में बाजवा ने भारत को गीदड़ भभकी देने की जुर्ररत की थी। बाजवा ने कहा था कि भारत की तरफ से अपनाये गए किसी भी तरह के आक्रामक रवैये का हम हर संभव जवाब देंगे। बाजवा ने कहा था कि 2003 के सीजफायर समझौते का गलत प्रयोग नहीं होना चाहिए। इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस के मुताबिक उन्होंने यह बयान खूईरत्ता और रत्ता अरायन सेक्टर में LOC दौरे पर दिया।
चीन के साथ मिलकर रची साजिश
ये वही पाकिस्तान के जनरल हैं जिन्होंने चीन और मालदीव के साथ मिलकर समुद्र के रास्ते में भारत में आतंक फैलाने की साजिश रचने की भी तैयारी कर ली थी। हालांकि वे इस साजिश को अंजाम नहीं दे पाए। बाजवा अपने कई बयानों में लगातर भारत पर तोहमत लगाते रहे हैं कि पाकिस्तान चाहता है शांति लेकिन भारत सरकार नहीं मानती।
सिद्धू की इस हरकत से उनकी पार्टी भी काफी असहज है। खास तौर पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा मेरी चलती तो मैं उन्हें पाकिस्तान जाने से ही मना कर देता। भारत सरकार को उन्हें पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। भारत सरकार की सहमति से वह पाकिस्तान गए हैं।’ यही नहीं सिद्धू को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के राष्ट्रपति मसूद खान के साथ भी देखा गया, जिससे विवाद के और बढ़ने की आशंका है।