इमरान खान ने आसिया बीबी की रिहाई के फैसले का समर्थन करते हुए उपद्रवियों को सख्त चेतावनी दी है। इमरान खान ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी कि वो कोर्ट और सरकार से न टकराएं, वरना उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। तोड़-फोड़ और आगजनी करने वालों के साथ इमरान खान ने पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के जजों को धमकाने वालों के खिलाफ भी कड़े कदम उठाने की बात कही। उन्होंने आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के खिलाफ सरेआम पोस्टर लहराने की घटना की भी निंदा की। बुधवार रात आठ बजे मुल्क के नाम अपने संदेश में इमरान खान ने कहा कि आसिया बीबी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के जजों ने संविधान के मुताबिक फैसला लिया है। इस्लामी कट्टरपंथियों को चेतावनी देते हुए इमरान खान ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के काम में दखल न दें। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का संविधान शरीयत कानूनों के आधार पर ही बना है। इमरान खान ने पाकिस्तान की सरकार, सुप्रीम कोर्ट के जजों और आर्मी चीफ के खिलाफ प्रदर्शन और तोड़फोड़ को देश के साथ गद्दारी करार दिया।
पाकिस्तान में ईसाई समुदाय की महिला आसिया बीबी पर इस्लाम का अपमान करने का आरोप था। 2010 में आसिया बीबी को दोषी करार दिया गया था। उन्हें निचली अदालत द्वारा मौत की सजा दी गई थी। लेकिन आसिया बीबी ने खुद को बेकसूर बताया था। बुधवार को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में ईशनिंदा की दोषी ईसाई महिला आसिया बीबी की फांसी की सजा को पलटते हुए उसे बरी कर दिया। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को बहुमत से अपना फैसला सुनाया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन अपने मामले को साबित करने में विफल रहा है। साथ ही कोर्ट ने उन्हें तुरंत शेखुपुरा जेल से रिहा करने का आदेश दिया। लेकिन इस फैसले के बाद बाद पाकिस्तान में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए।
आसिया बीबी मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही पाकिस्तान के कई शहरों में तोड़फोड़ और उपद्रव शरू हो गया। तहरीक-ए-लब्बैक-ए-पाकिस्तान के कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद, लाहौर, पेशावर और कराची समेत अन्य शहरों में जमकर उपद्रव मचाया। उपद्रवियों ने कई जगह आगजनी की। हालात बेकाबू होने पर पाकिस्तान के पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान में 10 नवंबर तक धारा 144 लगा दी गई है। उधर आसिया बीबी को ईशनिंदा मामले में बरी किए जाने पर पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा और पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के जजों को इस्लाम का दुश्मन बताया जा रहा है।
पाकिस्तान में आइए बीबी को रिहा किए जाने के बाद लोग अलग अलग हिस्सों में बंट गए हैं। कुछ लोग जहाँ आसिया बीबी की का समर्थन कर रहे हैं वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। आपको बता दें कि पाकिस्तान में इस निंदा कानून को लेकर बहुत सख्ती बरती जाती है। बताया जा रहा है की पाकिस्तान में आसिया बीबी पहली महिला हैं जिन्हें ईशनिंदा कानून के तहत मौत की सजा दी गई थी। रिहाई के बाद कनाडा और फ्रांस सहित कई देशों ने उन्हें शरण देने की पेशकश की है।