दरअसल, रविवार को ईशनिंदा का आरोप लगाकर एक हिन्दू शिक्षक के साथ मारपीट की गई थी और अब सोमवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि शिक्षक के साथ मारपीट करने और दंगा भड़काने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा के मामले में दो सौ से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने रविवार को हुई हिंसा के संबंध में तीन मामले दर्ज किए हैं।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दंगाइयों के खिलाफ तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और इनमें 218 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
दंगाइयों की भीड़ ने यह कहते हुए अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के धर्मस्थल, घरों, व संपत्तियों पर हमला किया कि सिंध पब्लिक स्कूल (एसपीएस) के हिंदू मालिक नोटन लाल ने कथित रूप से मोहम्मद साहब के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया। नोटन लाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है।
कट्टरपंथियों ने पांच दुकानों समेत मंदिर में की तोड़फोड़
घोटकी की जिलानी मार्केट में हिंदू समुदाय की कम से कम पांच दुकानों को तबाह कर दिया गया जबकि साचो सतराम दास मंदिर में तोड़फोड़ की गई। दुकानों से कीमती सामान को लूट भी लिया गया।
हिंसा घोटकी के आसपास के इलाकों में भी फैल गई जिस पर काबू पाने के लिए पुलिस के साथ-साथ अर्धसैनिक बल रेंजर को भी तैनात करना पड़ा।
पुलिस ने सोमवार को बताया कि पहला मामला 45 लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है जिनमें 22 नामजद व 23 अज्ञात हैं। इन पर धर्मस्थल पर हमला करने व धार्मिक समुदाय को अपमानित करने का आरोप लगाया गया है।
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दूसरा मामला 150 लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है जिनमें 27 नामदज व 123 अज्ञात हैं। इन पर सड़क पर जाम लगाकर यातायात बाधित करने का आरोप लगाया गया है।
तीसरी प्राथमिकी 23 लोग के खिलाफ है जिनमें 12 नामजद व 11 अज्ञात हैं। इन पर संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा है।
सरकार ने दर्ज कराए तीन FIR
सुक्कुर के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक जमील अहमद ने बताया कि तीनों मामले सरकार की तरफ से दर्ज किए गए हैं। अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है लेकिन जल्द ही गिरफ्तारियां शुरू की जाएंगी। यह असामाजिक तत्वों को चेतावनी है कि वे राज्य को चुनौती देने का दुस्साहस न करें।
पुलिस ने एसपीएस प्रबंधन से कहा कि वे स्कूल में की गई तोड़फोड़ के मामले में अपनी शिकायत दें ताकि चौथी प्राथमिकी दर्ज की जा सके। अगर स्कूल प्रबंधन इससे बचना चाहता है तो वह मौखिक रूप से पुलिस से यह कह दे, उसके बाद सरकार की तरफ से मामला दर्ज कर लिया जाएगा।
छात्र ने ईश-निंदा की बात से किया इनकार
बता दें कि जिस ईश-निंदा के आरोप में स्कूल के हिंदू प्रधानाचार्य को गिरफ्तार किया गया है, अब उस मामले में आरोप लगाने वाली छात्र के एक बयान से पूरा मामला पलट गया है।
ईश-निंदा का आरोप लगाने वाले छात्र ने अब कहा है कि प्रधानचार्य ने ऐसी कोई बात नहीं कही थी। उन्होंने उसे डांट दिया था जिसके कारण उसने यह इलजाम लगा दिया।
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छात्र मोहम्मद इहतिशाम के पिता ने ईश-निंदा को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज कराई जिसमें उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य ने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद घोटकी में प्रदर्शन हुए थे।
अब छात्र इहतिशाम ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि प्रधानाचार्य नोटन लाल ने उसे पाठ याद नहीं करने को लेकर डांटा था, जिसके बाद वह बहुत गुस्से में था। उसने कहा कि उसे नहीं पता था कि यह मुद्दा इतना बड़ा हो जाएगा। उसने अपने ‘सर नोतन’ से माफी मांगी है।
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