उरी हमले में हमारा हाथ नहीं, भारत से युद्ध नहीं चाहते : नवाज
उन्होंने आतंकी बुरहान वानी का उल्लेख कर उसे हीरो करार दिया
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि उनका देश भारत के साथ युद्ध नहीं चाहता, लेकिन भारत की किसी भी चुनौती, दबाव और युद्ध का सामना करने को तैयार है। शरीफ ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान भारत से युद्ध नहीं चाहता, लेकिन यदि उसे कोई चुनौती दी जाती है तो पाकिस्तान इसके लिए तैयार है।
उन्होंने कश्मीर का मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान कश्मीरी जनता के संघर्ष को अपना समर्थन देना जारी रखेगा। उन्होंने आतंकी बुरहान वानी का उल्लेख कर उसे हीरो और आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर करार दिया। उन्होंने कश्मीर के उरी में भारतीय सैन्य शिविर पर हमले में अपने देश का हाथ होने से साफ इवकार किया और कहा कि भारत के पास इस बात कोई सबूत नहीं हैं।
शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कश्मीरी लोगों को आत्म निर्णय करने का अधिकार देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों से कश्मीरी लोगों को उनकी इच्छा से वंचित रखा जा रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी उनके अधिकार को दिलाने में विफल रहा है। संयुक्त राष्ट्र में हाल में दिए अपने संबोधन का जिक्र करते हुए शरीफ ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा था कि घाटी की स्थिति की स्वतंत्र जांच कराई जानी चाहिए और कश्मीरी लोगों को तत्काल मदद उपलब्ध कराई जाए।
इससे पहले, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने कश्मीर मुद्दे पर बुधवार को होने वाले संयुक्त सत्र के बहिष्कार की घोषणा की थी। पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा था कि उनकी पार्टी इस संसद का और समर्थन नहीं कर सकती।
इमरान खान ने कहा, हम कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार का पूरा समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि संसद के संयुक्त सत्र में चर्चा के लिए कुछ बचा नहीं है। उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ प्रधानमंत्री पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं और तहरीक-ए-इंसाफ इस संसद का और समर्थन नहीं कर सकती।
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