पाकिस्तानी सेना की इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने परीक्षण के बाद जानकारी दी कि थलसेना की सामरिक बल कमान ने यह परीक्षण किया है। हालांकि इस परीक्षण को रुटीन बताया गया है और कहा गया है कि ‘इसका उद्देश्य थलसेना के सामरिक बल कमान के संचालन एवं उनकी तकनीकी तैयारी की जांच करना था।’ गौरी पारंपरिक और परमाणु आयुध लेकर 1300 किमी तक मार सकती है। हालांकि सेना ने इसके पे-लोड की कोई जानकारी नहीं दी है।सेना के तकनीकी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद हिलाल हुसैन ने कहा कि इस मिसाइल के बाद पाकिस्तान दुनिया के उन देशों में शुमार हो गया है जिनके पास सही में बैलेस्टिक मिसाइल है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री इमरान खान ने मिसाइल के सफल परीक्षण पर खुशी जाहिर करते हुए वैज्ञानिकों और इंजिनियरों को बधाई दी।