अब पाकिस्तान में भी लड़कियों के ड्रैस कोड को लेकर एक फरमान जारी किया गया है। पाकिस्तान के हरिपुर जिला के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों की सभी छात्राओं को छेड़छाड़ और शोषण से बचाने के उद्देश्य से उन्हें अबाया, गाउन या चादर पहनना अनिवार्य कर दिया है।
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डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जिला शिक्षा अधिकारी समीना अलताफ ने इसी सप्ताह जारी सर्कुलर जारी कर सरकारी स्कूलों के सभी प्रधानाचार्यो और हैडमास्टरों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि छात्राएं नए ड्रैस कोड का पालन करें।
सर्कुलर में कहा गया, ‘अनचाही घटनाओं से बचने के लिए अपना शरीर ढंकने और घूंघट में रखने के लिए सभी छात्राओं को गाउन, अबया या चादर पहनने का निर्देश दें।’
अधिकारी ने कहा कि कई लड़कियों ने दुपट्टा पहनने की आदत बना ली है, जिससे उनका शरीर पूरी तरह नहीं ढकता है। उन्होंने कहा कि चूंकि लड़कियों को प्रत्येक चौराहे या नुक्कड़ पर पुलिस की सुरक्षा प्रदान करना संभव नहीं है, इसलिए प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें उचित पर्दा कराना अनिवार्य कर दिया है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने फैसले का किया विरोध
सरकार के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे छात्राओं की इच्छा के अनुरूप बताया है। सामाजिक कार्यकर्ता और रवादारी तहरीक के पदाधिकारी उमर फारूक ने इस सर्कुलर की निंदा की है।
उन्होंने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय, प्रशासन ने उन्हें उनकी मर्जी के खिलाफ कपड़े पहनने के लिए मजबूर कर दिया है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने सामाजिक व्यवहारों में क्रमिक बदलाव प्रभावित करने और लड़कियों तथा लड़कों को एक-दूसरे का सम्मान करने की जरूरत पर जोर दिया।
लेकिन मोहम्मद सोहेल ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को यह निर्णय बहुत पहले लेना चाहिए था। सोहेल की बेटी कक्षा 10 की छात्रा है।
बता दें कि अक्सर छात्रों के ड्रैस कोड को लेकर देश-विदेश में विवाद होता रहा है, और भारी विरोध के बाद आदेश को वापस भी लेना पड़ा है। तो कई जगहों पर सख्ती के साथ इसका पालन कराया गया है।
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