माना जा रहा है कि ये कार्रवाई अमरीका और भारत के द्वारा पाकिस्तान पर पड़ रहे दबाव की वजह से लिया गया है। हाफिज सईद पर इस बड़े एक्शन की एक वजह और माना जा रही है और वो है पेरिस में होने जा रही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स, जिसमें पाकिस्तान पर कोई कार्रवाई संभंव मानी जा रही है। इससे पहले पिछले महीने ही एक उच्च स्तरीय संयुक्त राष्ट्र दल ने उन लोगों और समूहों के खिलाफ कार्रवाई की प्रगति का जायजा लेने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था, जिन पर विश्व निकाय ने प्रतिबंध लगाया है।
बुधवार को पाकिस्तानी मीडिया में इस बात की जानकारी दी गई कि पंजाब सरकार के आदेश के बाद, रावलपिंडी के जिला प्रशासन ने हाफिज सईद के संगठन जमात उद दावा (JuD) और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) के द्वारा चलाए जा रहे एक मदरसे और 4 डिस्पेंसरियों का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है। सरकार के आदेश के बाद इन मदरसों और स्वास्थ्य केंद्रों का नियंत्रण औकाफ विभाग ने अपने हाथों में ले लिया है।
इस कार्रवाई को लेकर जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘रावलपिंडी के मदरसों और स्वास्थ्य केंद्रों की एक लिस्ट प्रांतीय सरकार ने जिला प्रशासन को सौंपी थी। इसके बाद जिला प्रशासन की टीम इन मदरसों में विजिट करने गई। हालांकि इस कार्रवाई के बाद जमात उद दावा इस मदरसों से संबंध होने से इनकार कर रहा है।’ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने ब्योरों की जांच के लिए जिला प्रशासन, पुलिस और औकाफ विभाग का एक संयुक्त दल गठित किया है। उन्होंने बताया कि ऐसा ही अभियान अटक, चकवाल और झेलम जिलों भी चलाया जाएगा।