ज्वालामुखी का कहर बरकरार, बिजली संयंत्र तक पहुंचा लावा कानून में बहुविवाह पर रोक इस कानून में बहुविवाह पर रोक लगाई गई है। इसके अनुसार अगर पति-पत्नी साथ रह रहे हैं। उनमें से किसी एक का निधन नहीं हुआ है. उनका तलाक़ नहीं हुआ है तो उनमें से कोई भी दूसरी शादी नहीं कर सकता। अगर कोई दूसरी शादी करता है तो उसे छह महीने की जेलऔर 5,000 रुपए ज़ुर्माने की सजा हो सकती है। ग़ौरतलब है कि दो साल पहले सिंध प्रांत की विधानसभा ने हिंदू विवाह कानून (2016) भी पारित किया था। इसके तहत प्रांत में रह रहे 30 लाख से अधिक हिंदू समुदाय के लोगों को विवाह पंजीकरण आदि से संबंधित अधिकार दिए गए थे। कानून में शादी की उम्र भी 18 वर्ष तय की गई थी। आप के यहां ये भी बता दें कि नवाज शरीफ की सलाह पर ‘हिंदू मैरिज एक्ट 2017’ को राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने मंजूरी दी थी। इस कानून का मकसद हिंदुओं की शादियों, उनके परिवारों, मांओं और बच्चों के हकों की हिफाजत करना है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में हिंदू आबादी का अधिकांश हिस्सा सिंध प्रांत में रहता है, जिसमें हैदराबाद, सुक्कर और कराची के कुछ क्षेत्र शामिल हैं।