गौरतलब है कि भूटान भारत का रणनीतिक सहयोगी रहा है। बीते कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए हैं। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाना होगा। विदेश मंत्री एस.जयशंकर भी अपने मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद पहली विदेश यात्रा पर भूटान ही गए थे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों देश आर्थिक और विकास के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर बातचीत करेंगे। इसमें पनबिजली क्षेत्र में सहयोग सहित दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने का विषय भी शामिल है। गौरतलब है कि भारत ने भूटान और बांग्लादेश को नदी मार्ग से जोड़कर अपने लिए कई तरह के सहयोग की संभावनाएं तलाशी हैं।
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