रियाद में जब हूती विद्रोहियों की मिसाइल को गिराया गया, तब वह एयरपोर्ट से महज 20 किमी की दूरी पर थी। यह करीब 970 किमी का सफर तय कर निशाने के करीब तक पहुंच गई थी।
वहीं दूसरी ओर उत्तर कोरिया के हालिया मिसाइल परीक्षण के दावे पर भी सवाल खड़े हुए हैं। मिसाइल परीक्षण की तस्वीरें खगोल विज्ञान से जुड़े अध्येताओं ने फर्जी करार दी हैं। इनमें तारामंडल दिखाई दे रहा है, वह दो तस्वीरों में अलग-अलग है। नीदरलैंड्स के खगोल विज्ञान अध्येता डॉ मार्को लांगब्रोक ने इन तस्वीरों को झूठ बताया है। इन तस्वीरों में जो तारामंडल दिखाई दे रहा है, वह एक ही वक्त पर अलग-अलग दिशाएं बता रहा है।
एक तस्वीर में दक्षिण-पूर्व आसमान में कालपुरुष (ओराइन) तारामंडल है। दूसरी में उत्तर-पश्चिम का आसमान है, जहां एंड्रोमेडा नामक तीन तारे हैं। तारों की स्थिति पर शक
ओराइन और एंड्रोमेडा एक-दूसरे से विपरीत दिशा में होते हैं। यह एक ही दिशा से दिखाई नहीं दे सकते।
मिसाइल परीक्षण की तस्वीरें फोटोशॉप से बदलने की बात कही जा रही है। सबूत के तौर पर एक ही कोण से खींची गई, एक ही समय की तस्वीर में दो अलग-अलग आकाशीय स्थितियां पेश की गई हैं।