शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच होने वाल सबसे उच्चतम सम्मेलन
आपको बता दें कि भारत-रूस शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच होने वाल सबसे उच्चतम स्तर का आधिकारिक सम्मलेन माना जाता है। इसकी शुरुआत साल 2000 में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने की थी। उस दौरान नई दिल्ली में इसके उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति पुतिन ने भी हिस्सा लिया था। बता दें कि ये सम्मलेन बारी-बारी से दोनों देशों में आयोजित किया जाता है। साल 2017 में ये शिखर सम्मेलन सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित किया गया था।
40,000 करोड़ रुपए के सौदे पर किए जाएंगे हस्ताक्षर
वहीं पीएम मोदी और पुतिन के बीच इससे पहले पिछले साल की 21 मई को एक अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए में मुलाकात हुई थी। क्रेमलिन प्रेस सर्विस ने इस मुलाकात की जानकारी साझा करते हुए ये भी बताया कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय कागजातों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि रूस और भारत के बीच एस-400 एयर डिफेंस मिसाइलों को खरीदने के लिए करीब 40,000 करोड़ रुपए के सौदे पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर रूस
गौरतलब है कि भारत और रूस की नजदीकियों को देखते हुए अमरीका ने हाल ही में भारत को रूसी कंपनियों से हथियार खरीदने पर बैन लगाई थी, लेकिन इसके विपरीत रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर है।