इमरान के गुगली का असर
कुरैशी के मुताबिक ये इमरान के गुगली का ही असर है कि भारत, जो अबतक बातचीत के लिए भी आगे नहीं आ रहा था, उसे अपने दो मंत्रियों को पाक भेजना पड़ा। बता दें कि ये बयान कुरैशी ने इमरान सरकार के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित हुए एक कार्यक्रम में दिया। बयान इमरान खान की मौजूदगी में दिया गया।
चीन सबसे करीबी और आजमाया हुआ दोस्त
हालांकि कुरैशी ने गुरुवार को ये भी दावा किया था कि अफगानिस्तान के बाद भारत को उसका दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पड़ोसी है। कुरैशी ने आगे कहा कि इमरान खान ने पाक के प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद से ही भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया। इस कोशिश में उन्होंने पत्र लिखा ताकि मिल बैठकर बात की जा सके, लेकिन भारत के प्रतिनिधि न्यू यॉर्क में मिलने पर राजी तक नहीं हुए। ऐसा लगता है बैठक के राह में वहां (भारत) की सियासत आड़े आ गई। इस मौके पर कुरैशी ने चीन को अपना सबसे करीबी और आजमाया हुआ दोस्त बताया।
सुषमा स्वराज के बयान पर पलटवार?
बता दें कि इससे एक दिन पहले भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने एक बयान में पाक के साथ वार्ता दोबारा शुरू करने की संभावना को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि पाकिस्तान जब तक भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को पूरी तरह रोक नहीं देता तब तक दोनों देशों के बीच बातचीत संभव नहीं है।
करतारपुर साहिब सीमा का खुलना इमरान सरकार की बड़ी कामयाबी
आपको बता दें कि पाकिस्तान ने इससे पहले बुधवार को करतारपुर कार्यक्रम में भारत के दो केंद्रीय मंत्री- हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी ने देश का प्रतिनिधित्व किया था। इस कार्यक्रम में सुषमा स्वराज को भी आमंत्रित किया गया था, हालांकि स्वराज ने पूर्व प्रतिबद्धताओं का हवाला देते वहां जाने से मना कर दिया। कुरैशी का कहना है कि करतारपुर साहिब सीमा का खुलना क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की सरकार की एक बड़ी कामयाबी है।