दोनों देशों के बीच प्रमुख समानताएं -दोनों ही देश धर्मनिरपेक्ष हैं। जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब मिलकर रहते हैं। भारत और इंडोनेशिया में हिंदू संस्कृति का प्रभाव ज्यादा है। इंडोनेशिया के लोग रामायण, महाभारत के प्रति श्रद्धाभाव रखते हैं और योगेश्वर श्री कृष्ण धनुर्धर अर्जुन तथा वैदिक साहित्य में शामिल विभूतियों के प्रति श्रद्धा रखते हैं। इंडोनेशिया का एक द्वीप बाली तो हिंदू बहुल होने की वजह से ‘हिंदू बाली’ के नाम से भी जाना जाता है। यहां के लोग हिंदू धर्म को अपना कर इसे हिंदू बहुल क्षेत्र बनाए हुए हैं। ये भारत से उस देश में आकर बसे लोगों की संतानें नहीं हैं अपितु वहां के मूल निवासी हैं जिन्होंने सैंकड़ों वर्ष पहले बौद्ध या हिंदू धर्म अपनाया था।
प्रणव दा के बाद अब रघुराम राजन की बारी, विश्व हिन्दू परिषद् से मिला न्योता -भारत के साथ इंडोनेशिया के हजारों सालों से चले आ रहे सांस्कृतिक संबंधों का प्रमाण यहां की राजभाषा में दिखाई देती है। ऐसा बताया जाता है कि यह भाषा मलय और भारतीय भाषाओं के मिश्रण से उत्पन्न हुई। यहां की मुख्य मुद्रा भी रुपिया कहलाती है जो भारत की मुद्रा रुपया से अनुरूपता को जताती है। उनकी भाषा को ‘बहासा इंदोनेसिया’ कहते हैं। उनके कई शब्द भी भारत से मिलते हैं
-इंडोनेशिया और भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जो दुनियाभर में अपने वशिष्ट नमूनों की वजह से प्रसिद्ध हैं। विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध मंदिर बोरोबुदर में हैं , जिसे वास्तुकला का अनुपम उदाहरण कहा जा सकता है।इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में ‘योगकर्ता’ स्थित हिन्दू मंदिरों में समय-समय पर रामायण और महाभारत की कथाओं का आयोजन किया जाता है और बैले नृत्य भी पेश किए जाते हैं। कृष्ण-राधा की झांकियां भी प्रस्तुत की जाती हैं। इंडोनेशिया में रामलीला का मंचन भी किया जाता है
– पारिवारिक और सामुदायिक जीवन में अनेक परम्परागत रीति रिवाजों की प्रेरणा का स्रोत हिंदू धर्म ही है। बाली में हिन्दू मंदिरों की संख्या लगभग 5-6 हजार बताई जाती है। महिलाओं में धर्म के प्रति आस्था का भाव वहां भी भारत के जैसी ही है।
– भारत और इंडोनेशिया विकासशील देश हैं। तेल का खेल, इस गलती की वजह से 60 पैसे कम हुआ था पेट्रोल का रेट, डीजल के रेट में भी हुर्इ थी गलती