script

तेल का खेल, इस गलती की वजह से 60पैसे कम हुआ था पेट्रोल का रेट, डीजल के रेट में भी हुर्इ थी गलती

locationनई दिल्लीPublished: May 30, 2018 11:46:18 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

आर्इआेसीएल की वेबसाइट में टाइपिंग की गलती वजह से 1 पैसे को 60 आैर 56 पैसे कर दिया गया, इंडियन आॅयल की आेर से अपनी वेबसाइट पर इसेे करेक्ट कर दिया गया है।

petrol diesel

petrol diesel

नर्इ दिल्ली। आज सुबह जब पेट्रोल आैर डीजल के नए रेट आए तो लोगों के चेहरों पर मामूली सी राहतभरी खुशी दिखार्इ दी थी। लेकिन यह खुशी सिर्फ कुछ ही घंटों की मेहमान थी। जिसके बाद जो लोगों पर पहाड़ टूटा वो पेट्रोल आैर डीजल की बढ़ती कीमतों से भी ज्यादा भारी था। आर्इआेसी का जो बयान आया है वो वाकर्इ चौंकाने वाला है। पेट्रोल आैर डीजल कीमतों में 60 आैर 56 पैसे की कटौती नहीं की गर्इ है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पेट्रोल आैर डीजल की कीमतों में कितनी कटौती हुर्इ आैर 60 आैर 56 पैसे की कटौती बात कैसे पैदा हो गर्इ?

60 आैर 56 पैसे नहीं इतनी हुर्इ कटौती
प्राप्त जानकारी के अनुसार पेट्रोल आैर डीजल की कीमतों में 60 आैर 56 पैसे की कटौती जो दिखार्इ गर्इ थी, वो सही नहीं है। बल्कि एक गलती कह वजह से एेसा हुआ है। पेट्रोल आैर डीजल की कीमतों में एक पैसे की ही कटौती की गर्इ है। मतलब साफ है कि 30 मर्इ को पेट्रोल कीमतों मात्र एक पैसे की कटौती से रेट 78.42 रुपए प्रति लीटर हो गया है। इससे पहले 60 पैसे की कटौती दिखाकर पेट्रोल के दाम 77.83 रुपए बताए गए थे। वहीं बात डीजल की करें तो उसमें भी मात्र एक पैसे की कटौती की गर्इ है। इस हिसाब से 30 मर्इ को डीजल के दाम 69.30 रुपए प्रति लीटर हो गया है। इससे पहले डीजल की कीमतों में 56 पैसे की कटौती दिखाकर 68.75 रुपए प्रति लीटर डीजल बताया गया था। यह सभी आंकड़ें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के हैं। जहां पर पेट्रोल आैर डीजल के दाम 80 आैर 70 पार करने वाले हैं।

इस गलती से कम हुए दाम
प्राप्त जानकारी के अनुसार आर्इआेसीएल की वेबसाइट में टाइपिंग की गलती वजह से 1 पैसे को 60 आैर 56 पैसे कर दिया गया। अभी तक आर्इआेसीएल की आेर से अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टी नहीं हुर्इ है। वैसे इंडियन आॅयल की आेर से अपनी वेबसाइट पर इसेे करेक्ट कर दिया गया है।

https://twitter.com/ANI/status/1001701472634134528?ref_src=twsrc%5Etfw

लगातार बढ़ रहे हैं दाम
पेट्रोल आैर डीजल के दाम 14 मर्इ से लगातार बढ़ रहे हैं। जिसकी वजह से सरकार आैर राज्य सरकारों पर वैट आैर एक्साइज ड्यूटी कम करने का दबाव बढ़ रहा है। वहीं केंद्र सरकार पर पेट्रोल आैर डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाने का दबाव बढ़ रहा है। लेेकिन केंद्र आैर राज्य सरकारों इस बात पर मंथन करने के अलावा कोर्इ ठोस कदम नहीं उठा रही है। आपको बता दें कि कर्नाटक चुनाव से 20 दिन पहले से दाम बढ़ाने बंद कर दिए थे। जिसके बाद पेट्रोललियम कंपनियों ने लगातार दाम बढ़ाए।

ट्रेंडिंग वीडियो