दरअसल, दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला पार्क ग्यून-हाइ को रिश्वत लेने और सरकार के ऑफ-द-बुक फंड का अवैध रूप से इस्तेमाल ( bribes and illegally using the government’s off-the-book funds ) करने के आरोप में जेल की सजा के साथ ही भारी जुर्माना लगाया गया था।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पार्क ग्यून पर महाभियोग प्रस्ताव पास, छीन लीं गई उनकी सारी शक्तियां
शुक्रवार को सियोल हाई कोर्ट ने एक साल लंबी सुनवाई के बाद अपने फैसले में पार्क ग्यून-हाइ की सजा को कम किया है। 2016 में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार ( Corruption ) के आरोपों के आधार पर पार्क पर महाभियोग लगाया गया था।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकारी वकीलों ने पार्क के लिए 30 साल जेल की सजा की मांग की थी, पर न्यायाधीशों ने इस मांग को ठुकराते हुए सजा को घटाकर 20 साल कर दिया। इसके अलावा अब 68 साल के पार्क को 18 बिलियन वॉन (15 मिलियन डॉलर) का भारी जुर्माना देना होगा।
पहले 24 साल की सुनाई गई थी सजा
बता दें कि शुक्रवार की सुनवाई जाहिरा तौर पर जेल की अवधि को संशोधित करने के लिए थी। पार्क पहले से ही सियोल डिटेंशन सेंटर में रह रही हैं। 2017 में महाभियोग ( impeachment ) के तुरंत बाद पार्क पर सत्ता के दुरुपयोग, रिश्वतखोरी, सरकारी रहस्यों को लीक करने और जबरदस्ती करने का आरोप लगाया गया था। एक साल बाद 2018 में इस मामले पर पार्क को 24 साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में जब इस मामले पर नए तथ्य सामने आए तो जेल की सजा एक साल और बढ़ाकर 25 साल कर दिया गया।
दक्षिण कोरिया: पूर्व राष्ट्रपति पार्क ग्यून हे की सजा में बढ़ोतरी, 8 साल और रहेंगी जेल में
दक्षिण कोरिया की पहली महिला राष्ट्रपति पार्क पर आरोप लगाया गया था कि वह अपनी सहेली चोई सून ( Choi Soon-sil ) के साथ मिलीभगत करके देश के परिवार के स्वामित्व वाले उद्योग घरानों से लाखों डॉलर लेती थी। जब इस तरह हाई-प्रोफाइल ग्राफ्ट स्कैंडल सामने आया तो देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया।
भ्रष्टाचार के इस खेल में सैमसंग ग्रुप के उपाध्यक्ष जे वाई ली ( Jay Y. Lee, vice chairman of Samsung Group ) सहित हाई-प्रोफाइल कारोबारी शामिल थे। उन्हें शुरू में रिश्वतखोरी के आरोप में पांच साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन दक्षिण कोरिया में होने वाले 2018 के शीतकालीन ओलंपिक ( 2018 Winter Olympics ) से ठीक पहले रिहा कर दिया गया था।