scriptSri Lanka Blasts: श्रीलंका सरकार ने मुस्लिम आतंकी समूहों को ठहराया जिम्मेदार, कहा- सामने आई खुफिया तंत्र की विफलता | Sri Lanka Blasts: Government has upheld Sri Lankan Muslim groups responsible, said - Failure of intelligence system | Patrika News

Sri Lanka Blasts: श्रीलंका सरकार ने मुस्लिम आतंकी समूहों को ठहराया जिम्मेदार, कहा- सामने आई खुफिया तंत्र की विफलता

locationनई दिल्लीPublished: Apr 23, 2019 07:25:12 am

Submitted by:

Anil Kumar

श्रीलंका में रविवार को हुए थे आठ सीरियल बम धमाके।
चर्च और होटलों में किए गए थे धमाके।
इस घटना के बाद सरकरा ने पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है।

श्रीलंका में ब्लास्ट

Sri Lanka Blasts: सरकार ने श्रीलंकाई मुस्लिम समूहों को ठहराया जिम्मेदार, कहा- खुफिया तंत्र की विफलता

कोलंबो। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो व अन्य जगहों पर हुए सीरियल बम धमाकों को लेकर सोमवार को सरकार ने एक बड़ी बात कही है। सरकार ने सोमवार को दावा करते हुए कहा है कि ईस्टर के दिन हुए भयावह सिलसिलेवार बम धमाकों के लिए श्रीलंकाई मुस्लिम समूह जिम्मेदार है साथ ही इस घटना के लिए खुफिया तंत्र की विफलता के जिम्मेदार बताया है। बता दें कि रविवार को हुए एक के बाद एक कुल धमाकों में 290 लोगों की मौत हो गई, जबकि 500 से अधिक लोग घायल हो गए। सोमवार को भी कोलंबो बस अड्डे पर 87 बम डेटोनेटर मिलने की खबर सामने आई जिसके बाद से पूरे देश में फिर से हड़कंप मच गया। बमों को डिफ्यूज करने के दौरान एक बम फट गया। हालांकि इसमें कोई भी हताहत नहीं हुआ। इस पूरे घटनाक्रम के बाद तलाशी अभियान के साथ जांच-पड़ताल जारी है और अब तक 24 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। फिलहाल सरकार ने पूरे देश में एक बार फिर से आपातकाल की घोषणा कर दी है।

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नेशनल तौहीद जमात पर है शक

सरकार ने मीडिया को बताया कि नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) ने श्रीलंका के तीन शहरों में आठ विस्फोट किए जिसमें 500 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्री रजिथा सेनारत्ने ने कहा कि हमले में नेशनल तौहीद जमात शामिल है। यह एक स्थानीय संगठन है। हम नहीं जानते कि वे बाहरी लोगों से जुड़े हैं या नहीं? गिरफ्तार किए गए सभी लोग स्थानीय हैं। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि अन्य मंत्रियों के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए सेनारत्ने ने सुनियोजित हमलों को एक ‘घातक खुफिया विफलता’ बताया। उन्होंने कहा कि पहले से जानकारी होने के बावजूद भी हमलों को रोका नहीं जा सका। मंत्री ने कहा कि 4 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों (जिनके नामों का उन्होंने खुलासा नहीं किया) ने इन हमलों की चेतावनी दी थी और यहां तक बताया था कि यह हमले चर्च और पर्यटन स्थल पर हो सकते हैं। सेनारत्ने ने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक को 9 अप्रैल को इस बारे में सूचना देने के साथ-साथ संदिग्ध आतंकवादियों के नाम भी दिए गए थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद रविवार को राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना से मिलना चाहती थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि वे विदेश में थे।

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सरकार ने परिवार वालों से मांगी माफी

स्वास्थ्य मंत्री रजिथा सेनारत्ने ने कहा कि सरकार की तरफ से हम परिवारों और अन्य संस्थानों से माफी मांगते हैं। समस्या यह है कि जब हम कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री से मिले तो खुद प्रधानमंत्री भी इसे लेकर अंधेरे में थे। उन्होंने भी यह सर्कुलर तब देखा था जब हमने इसे दिखाया। उन्हें सुरक्षा परिषद की बैठकों से बाहर रखा गया था। श्रीलंका के दो मंत्रियों मनो गणेशन और हरिन फर्नांडो ने भी ट्विटर पर कहा कि सरकार को आसन्न हमले की पूर्व सूचना थी। सेनारत्ने ने कहा कि आज सुबह (सोमवार को) राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री पहली बार मिले। आज हमें इस स्थिति से उबरने के लिए एकीकृत राजनीतिक नेतृत्व की आवश्यकता है और हम हमारे देश से आतंकवाद को मिटाने के लिए हर कदम उठाएंगे। उन्होंने पुलिस महानिरीक्षक के इस्तीफे का मांग की। हाल के दिनों में श्रीलंका राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच राजनैतिक रस्साकशी का शिकार रहा है।

 

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