गौरतलब है कि जापान के पीएम शिंजो आबे खराब सेहत के कारण स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्होंने इसके कारण अपने पद से इस्तीफा तक दे दिया है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि देश का नेतृत्व किसके हाथ होगा। शिंजो आबे देश के सबसे लंबे समय तक पीएम रह चुके है। सत्ता पक्ष की पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (Liberal Democratic Party) उत्तराधिकारी यानी प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी के अंदर चुनाव कराएगी।
हालांकि इस पद के लिए सबसे योग्य माने जाने वाले सुगा ने पीएम पद पर बैठने को लेकर अपनी असहमति जताई है। हालांकि, सुगा की इस तरह की टिप्पणी हाल के दिनों में उग्र मीडिया के पूछने पर दी। इससे आम जनता की नजरों में वे नायक के रूप में उभरे हैं।
सुगा प्रधानमंत्री नहीं बनने इच्छा जता रहे एक इंटरव्यू में सुगा ने दोबारा से प्रधानमंत्री पद न स्वीकाने की बात दोहराई है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि ये सुगा की चाल थी कि उन्हें पब्लिसिटी मिल सके। सुगा ने इस तरह के बयान चार मीडिया संस्थानों अपने इंटरव्यू के दौरान दिया। सुगा को आबे ने वर्ष 2012 में बहुत अहम भूमिका सौंपते हुए उन्हें चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी नियुक्त किया था। वे सरकार के बड़े प्रवक्ता के तौर पर सामने आए। वे सरकारी नीतियां को तैयार करने में सहयोग करते रहे हैं।
15 सितंबर को होगी एलडीपी के भीतर चुनाव देश का अगला पीएम कौन होगा,इसके लिए 15 सितंबर को मतदान के बाद तय होगा। एलडीपी किसको विजयी बनाएगा, यह उसी दिन तय हो जाएगा। अगला पीएम भी एलडीपी का ही होगा। विजेता उम्मीदवार आबे के एलडीपी के प्रमुख के तौर पर बची हुई समयसीमा तक प्रमुख बना रहेगा। इस पद का कार्यकाल सितंबर 2021 तक समाप्त होना है।
63 वर्षीय पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरू ईसीबा पीएम पद के प्रमुख उम्मीदवार के रूप में माने जा रहे हैं। उन्होंने रीजनल इकोनॉमी को दुरुस्त करने का लक्ष्य बनाया है। मीठा बोलने वाले ईसीबा भी पीएम पद के उम्मीदवार माने गए हैं। इन्हें आबे लंबे समय से आलोचक के तौर पर देखते हैं। ईसीबा संसद सदस्यों की तुलना में जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं।