तालिबान ने अफगान सरकार द्वारा की गई बातचीत की पेशकश को एक बार फिर खारिज किया और देश में अस्थिरता और युद्ध के जारी रहने के लिए अमरीका को जिम्मेदार ठहराया। बयान में कहा गया है, “अफगानिस्तान में जारी युद्ध अमरीकी कब्जे की देन है, इसलिए हम वाशिंगटन के साथ सीधी बातचीत पर जोर दे रहे हैं, ताकि इसे समाप्त किया जा सके।”
इससे पहले तालिबान ने जून महीने में भी अमरीका के साथ बातचीत करने का प्रस्ताव दिया था। तालिबान के सर्वोच्च नेता मुल्ला हेबतुल्ला अखुंदजादा ने कहा था कि “अगर अमरीकी अधिकारी वास्तव में अफगानिस्तान संकट के शांतिपूर्ण समाधान में विश्वास करते हैं तो उन्हें सीधी बातचीत के मेज पर आना चाहिए, ताकि इस त्रासदी (हमले) को बातचीत से हल किया जा सके। इस त्रासदी से मुख्य तौर पर अमरीकी और अफगान लोगों को नुकसान पहुंच रहा है।” बातचीत का यह प्रस्ताव ऐसे समय में सामने आया है, जब अफगानिस्तान में तालिबान खूनी खेल रहा है। हालांकि, तालिबान अफगान की अगुवाई वाली बातचीत के किसी भी रूप में भाग लेने से इनकार किया है।