दरअसल अमरीका ने अपने सबसे घातक हथियार रिपर ड्रोन ( Reaper Drone ) के जरिए ISIS के ठिकानों को निशाना बनाया। इसी ड्रोन के जरिए अमरीका ने जनवरी 2020 में ईरान के मिलिट्री जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी थी।
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Reaper Drone को दुनिया के सबसे डेडली ड्रोन में शुमार किया जाता है। ये अपनी स्पीड ( रफ्तार ) और फायरपावर के लिए भी जाना जाता है। इस ड्रोन का वजन किसी अफ्रीकी हाथी जितना होता है।
Reaper Drone को दुनिया के सबसे डेडली ड्रोन में शुमार किया जाता है। ये अपनी स्पीड ( रफ्तार ) और फायरपावर के लिए भी जाना जाता है। इस ड्रोन का वजन किसी अफ्रीकी हाथी जितना होता है।
ये हैं इस ड्रोन की खासियत
– इस ड्रोन का नाम है MQ-9 Reaper है, इसे Predator B भी कहते हैं
– अमरीका के ड्रोन का नाम MQ-9 Reaper
– 93 MQ-9 Reaper Drone हैं अमरीकी वायुसेना के पास
– 1850 किमी दूर से भी इस ड्रोन को ऑपरेट किया जा सकता है
– ये ड्रोन बहुत कम शोर करता है, इसकी इसी खासियत की वजह से ये दुश्न की पहुंच ( राडार) से बचा रहता है
– इस ड्रोन से AGM-114 Hellfire मिसाइलें दागी जा सकती हैं
– GBU-12 Paveway III व GB-38 Joint Direct Attack Munitions जैसे खतरनाक बम गिराए जा सकते हैं
– किसी भी एयरप्लेन से ज्यादा ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम
– समुद्र से करीब 15 किमी ऊंचाई तक उड़ सकता है, जबकि आमतौर पर एयरक्राफ्ट 9 से 11 किमी तक उड़ सकते हैं
– तेज हवाओं के बीच भी इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है
– रिपर ड्रोन 1700 किलो तक का वजन उठा सकता है
– 482 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ने में सक्षम
– इस ड्रोन का नाम है MQ-9 Reaper है, इसे Predator B भी कहते हैं
– अमरीका के ड्रोन का नाम MQ-9 Reaper
– 93 MQ-9 Reaper Drone हैं अमरीकी वायुसेना के पास
– 1850 किमी दूर से भी इस ड्रोन को ऑपरेट किया जा सकता है
– ये ड्रोन बहुत कम शोर करता है, इसकी इसी खासियत की वजह से ये दुश्न की पहुंच ( राडार) से बचा रहता है
– इस ड्रोन से AGM-114 Hellfire मिसाइलें दागी जा सकती हैं
– GBU-12 Paveway III व GB-38 Joint Direct Attack Munitions जैसे खतरनाक बम गिराए जा सकते हैं
– किसी भी एयरप्लेन से ज्यादा ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम
– समुद्र से करीब 15 किमी ऊंचाई तक उड़ सकता है, जबकि आमतौर पर एयरक्राफ्ट 9 से 11 किमी तक उड़ सकते हैं
– तेज हवाओं के बीच भी इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है
– रिपर ड्रोन 1700 किलो तक का वजन उठा सकता है
– 482 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ने में सक्षम
रिपर ड्रोन में भी ज्यादातर ड्रोन की तरह किसी तरह के पायलट की जरूरत नहीं पड़ती। ऐसे में मिशन के दौरान किसी तरह की जनहानि से बचा जा सकता है। यह भी पढ़ेंः ऐसे तैयार हुआ आतंकी ISIS Khorasan group, फिर कर सकता है काबुल एयरपोर्ट पर हमला, US ने जारी किया अलर्ट आधुनिक तकनीकों से लैस
अमरीका का MQ-9 Reaper Drone आधुनिक तकनीकों से लैस है। इसमें विजुएल सेंसर्स लगे होते हैं जिसमें इंफ्रारेड सेंसर, कलर डेलाइट टीवी कैमरा, लेसर रेंज फाइंडर और इमेज इंटेंसिफाई कैमरा शामिल है। इसकी मदद से ये ड्रोन पहले ही दुश्मन की गतिविधि का पता लगाकर अलर्ट हो सकता है।
अमरीका का MQ-9 Reaper Drone आधुनिक तकनीकों से लैस है। इसमें विजुएल सेंसर्स लगे होते हैं जिसमें इंफ्रारेड सेंसर, कलर डेलाइट टीवी कैमरा, लेसर रेंज फाइंडर और इमेज इंटेंसिफाई कैमरा शामिल है। इसकी मदद से ये ड्रोन पहले ही दुश्मन की गतिविधि का पता लगाकर अलर्ट हो सकता है।