एक प्रमुख पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक मारखोर पाकिस्तान का राष्ट्रीय पशु है। यह बकरी की एक विशेष जंगली प्रजाति है जिसे इसके लंबे बालों और घुमावदार सींगों के लिए पहचाना जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक गिलगिट-बाल्टिस्तान वन्यजीव विभाग ने बताया कि अमरीकी शिकारी ब्रायन किंसेल हरलैन ने शिकार के लिए जरूरी धनराशि (परमिट मनी) चुकाने के बाद सस्सी-हारमोश सामुदायिक संरक्षित इलाके में मारखोर को मार गिराया। यहां दिलचस्प बात है कि यह पाकिस्तान में शिकार की अनुमति लेने के लिए चुकाई गई अब तक की सबसे ज्यादा धनराशि है।
वर्ष 2018-19 शिकार प्रतियोगिता के दौरान देसी-विदेशी शिकारियों ने करीब 50 जानवरों को मार डाला। जनवरी में दो अमरीकी शिकारियों ने 1 लाख डॉलर से ज्यादा उच्चतम श्रेणी एस्टोर मारखोर का शिकार किया। इसके बाद प्रशासन ने परमिट राशि (अनुमति के लिए ली गई धनराशि) का 80 फीसदी हिस्सा संबंधित स्थानीय समुदायों को दे दिया, जबकि बाकी धनराशि सरकारी संगठन के पास चली गई। अब स्थानीय लोग इस जानवर को मारने की जगह इसे बचाने के प्रयास में जुट जाएंगे, ताकि इनकी तेजी से घटती संख्या रोकी जा सके।
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंसर्वेशन ऑफ नेचर की रेड लिस्ट में मारखोर को तकरीबन खतरे में पड़ी प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। दुनियाभर में इनकी संख्या तकरीबन 5,754 बची हुई है। इन्हें अफगानिस्तान, भारत (जम्मू-कश्मीर), पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान में पाया जाता है।