अमरीका ने 15 अगस्त को तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के के बाद करीब 1,00,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित रूप से निकाला है। उसे उम्मीद है कि मंगलवार की समय सीमा तक वह अपने सभी लोगों को यहां से निकाला लेगा। ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि सबके जाने के बाद अफगानियों का क्या होगा।
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तालिबान अफगानिस्तान में शरिया कानून को लाना चाहता है। ऐसे में यहां के लोग डरे हुए हैं कि तालिबान जब सख्ती से इन कानूनों का पालन कराएगा तो इसमें आम जनता की आजादी को कितना नुकसान होगा। बीते 20 वर्षों से अमरीका अफगानिस्तान में तालिबान के राज को टालने की कोशिश कर रहा था। मगर बीते 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा जमा लिया। अमरीका अब 31 अगस्त तक अपने सभी नागरिकों को निकालने का प्रयास कर रहा है।
ब्रिटेन ने भी शनिवार को लोगों को निकालने के लिए अपनी अंतिम उड़ानें संचालित कीं। अफगानिस्तान में ब्रिटेन के राजदूत लॉरी ब्रिस्टो ने काबुल हवाई अड्डे से एक वीडियो जारी कर कहा ‘अब अभियान के इस चरण को बंद करने का समय आ चुका है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन हम उन लोगों को नहीं भूले हैं जो अभी भी देश को छोड़ने के प्रयास में लगे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम उनकी पूरी मदद करने के लिए हर संभव प्रयास करना जारी रखेंगे।’