चीन को ताइवान और हांगकांग से अलग होने का डर गौरतलब है कि चीन को ताइवान और हांगकांग के देश से अलग हो जाने का डर है। ताइवान स्वशासित द्वीप है, जिस पर बीजिंग अपना दावा करता है और भविष्य में इसके चीन के साथ मिलने की आशा करता है। पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी और अब चीन के एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र हांगकांग में लोग बीजिंग के बढ़ते हस्तक्षेप से खफा हैं। प्रधानमंत्री ली केकियांग ने भी शी के विचार को दोहराया। ली ने एनपीसी सत्र के अंतिम दिन एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “चीन अपनी क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए ढृढ़ है और अपनी जमीन का एक इंच भी नहीं छोड़ेगा। देश न ही किसी अन्य देश का इंच टुकड़ा लेगा और न ही किसी को देगा।”
दूसरी बार राष्ट्रपति बने जिनपिंग गौरतलब है कि शी जिनपिंग दूसरी बार चीन के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं। नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने दूसरे कार्यकाल को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, शी जिनपिंग 2023 तक देश के राष्ट्रपति पद पर रहेंगे। शी जिनपिंग ने 2013 में राष्ट्रपति पद संभाला था। जिनपिंग राष्ट्रपति के साथ-साथ सशस्त्र सेनाओं के सर्वोच्च भी हैं और साथ ही कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव भी हैं। चीन की संसद ने भ्रष्टाचार रोधी संस्था के पूर्व प्रमुख वांग किशान को उपराष्ट्रपति निर्वाचित किया है।