सपना बनी नगर पंचायत बनाने की मांग 20000 से भी ज्यादा की आबादी हर बार यही झुनझुना पकड़कर वोट की स्याही अपनी उंगलियों में लगवा कर लौट आ रही है। नगर पंचायत वन जाने की तमन्ना बस दिवास्वप्न बन गई है। लेकिन डेढ़ साल हो गए यहां के वोटरों की झोली में रिटर्न गिफ्ट तो दूर झोली ही छिन गई दिखती है। यहां के एक बहुत ही जिम्मेदार निवासी कहते हैं कि बस अब बहुत हो गया याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष बड़ा भीषण होगा ,हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए, अब नगर पंचायत नहीं तो वोट नहीं, सपोर्ट नहीं सत्याग्रह आंदोलन का ऐसा सिलसिला शुरू होगा एक हिलोर इधर से आए एक हिलोर उधर से आए भारी उथल-पुथल मच जाए। चूल्हा बंदी, बाजार बंदी, सड़क रेल जाम, क्रमिक अनशन, आमरण अनशन। स्थानीय कलेक्टर से लेकर राष्ट्रपति भवन की चौखट तक सत्याग्रह का ऐसा क्रम शीघ्र शुरू होगा।
नगर पंचायत के दर्जे की मांग में है दम ब्लॉक क्षेत्र की 3 ग्राम पंचायतों एरवा कुइली एरवा टिकटा एवं एरवा टीकुर के सम्मलित क्षेत्र को एरवा कटरा के रूप में पहचाना जाता है तीनों ग्राम पंचायतों की कुल मतदाता संख्या 9310 ग्राम पंचायत नामावली वर्ष 2015 के आधार पर है वर्तमान में उक्त क्षेत्र में मतदाता संख्या कहीं अधिक है जिसके आधार पर क्षेत्र की अनुमानित आवादी लगभग 20000 है। क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 26 शिक्षण संस्थाएं कार्य कर रही हैं। स्वतंत्रता सेनानियों की कर्म स्थली रहा यह क्षेत्र केवल नाम के लिए ही नगर पंचायत क्षेत्र घोषित नहीं है बाद बाकी सभी सरकारी सेवाएं ऐरवा कटरा क्षेत्र में उपलब्ध है। राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय, होम्योपैथिक चिकित्सालय, उप मंडी समिति ,पावर हाउस विद्युत ऐरवा कटरा, सेंट्रल बैंक, पूर्वांचल बैंक सहित जिला कोऑपरेटिव बैंक की शाखा सहित तमाम ऐसे संस्थान क्षेत्र में कार्यरत हैं जो क्षेत्र को एक कस्बे की पहचान दिलाने के लिए पर्याप्त हैं।