जिलाधिकारी जेपी सगर ने बताया कि आगामी निर्वाचनों में ईवीएम के साथ वीवीपैट के आकलन हेतु मतदेय स्थलों को संभाजन कराया जाए। शहरी व ग्रामीण दोनों मतदेय स्थलों पर मतदाताओं की संख्या 1400 से अधिक न होने पाए। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के ऐसे मतदेय स्थल जहां 1400 से अधिक मतदाता है तथा कोई और विकल्प नहीं है तो उन्हें विभाजित कर एक नया पोलिंग स्टेशन बनाया जाए। यदि क्षेत्र में 300 से अधिक मतदाता हैं तो मतदान केन्द्र के लिए कोई सरकारी भवन उपलब्ध है, तो नया मतदान केंद्र स्थापित किया जाए। अत्यधिक पुराने और जर्जर भवन वाले मतदान केंद्र है तो उसी मतदान क्षेत्र के अंतर्गत किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर दिया जाए। कोई मतदेय स्थल यदि अपने मतदान क्षेत्र में उपयुक्त भवन ना उपलब्ध होने के कारण मतदान क्षेत्र से बाहर स्थित है तो उसे मतदान क्षेत्र के अंदर ही स्थापित कराया जाए।
उन्होंने कहा कि यदि कोई मतदेय स्थल भौतिक सत्यापन में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के बाहर आता है तो इसे पोलिग स्टेशनों को परिवर्तित कर विधानसभा क्षेत्र के अंदर लाया जाए। कोई भी मतदेय स्थल राजनीतिक दल या लेबर यूनियन के कार्यालय से 200 मीटर के अंदर ना हो। यदि मतदेय स्थल दुकान व्यवसायिक प्रतिष्ठान विवाह घर या राजनीतिक स्वामित्व वाले भवन मे स्थित है तो ऐसे मतदेय स्थलों के लिए अन्य विकल्प तलाशे जाए। राजनीतिक दलों से किसी मतदेय स्थल से संबंधित शिकायत एवं सुझाव आता है तो ऐसे मतदेय स्थल पर विचार करते हुए उनका निस्तारण किया जाए। विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2017 के दौरान या उसके बाद मतदेय स्थलों के संबंध में कोई भी शिकायत आई हो तो उसका परीक्षण का तुरंत निस्तारण किया जाए। मतदेय स्थलों को बनाते समय एएमएफ संबंधित सुविधाओं को ध्यान रखा जाए।
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि मतदेय स्थलों के संभाजन के पश्चात मतदेय स्थल के स्थान में अंतिम क्षणों में परिवर्तन की आवश्यकता ना रहे। बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, सदर एसडीएम अमित राठौर व तहसीलदार सहित अन्य निर्वाचन विभाग के अधिकारी व कर्मचारीगण मौजूद रहे।