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औरैया

ये फल बढ़ाएगा किसानों की आमदनी, जानें क्या है खासियत

इजरायल के मशहूर सेव किसानों की आमदनी बढाएंगे।

औरैयाJul 06, 2018 / 05:10 pm

Mahendra Pratap

Israeli apple Increase in income of farmers in india

ये फल बढ़ाएगा किसानों की आमदनी, जानें क्या है खासियत

औरैया. बुलन्द हौसलों को राह मिल जाए तो तारे भी तोड़ कर जमीन पर लाए जा सकते हैं। कुछ ऐसा ही सम्भव कर दिखाया है भगवत स्वरूप विश्नोई ने जिन्होंने न ही केवल इजरायल के मशहूर सेव को अपने उद्यान में उगाने के कारनामा ही नहीं किया बल्कि आम किसानों के लिए इस एन्ना ऐपल प्रजाति की पौध तैयार कर दी। जो कि बागवानी के क्षेत्र में किसानों की आय को कई गुना बढ़ाने की दिशा में क्रांतिकारी उपलब्धि कहा जा सकता है।

पेशे से शिक्षक रहे श्री विश्नोई को बागबानी का लगाव उनके अवकाश प्राप्ति के बाद जुनून बनकर उभरा और जी जान से जुट गए। निजी पौधशाला में जहां उन्होंने कड़े परिश्रम और बुलन्द हौसलों की दम पर विदेशी फलदार पेड़ों को उगाने की हठ ने उन्हें पर्यावरण प्रेमी बना दिया।

अच्छी पैदावार के लिए जाने जाते हैं यह फल

बताया जा रहा है कि एक बार उन्होंने सेव की प्रजातियों की जानकारी जुटाई तो पता चला कि इजरायल की एन्ना ऐपल प्रजाति के फल अधिक मीठे ही नहीं होते बल्कि अच्छी पैदावार के लिए भी जाने जाते हैं। फिर क्या था उन्होंने दूर दराज के लोगों से सम्पर्क कर देहरादून स्थित इंडो इजरायल नर्सरी से ऊंची कीमत पर मात्र 5 पौधे वर्ष 2015 में लेकर अपने उद्यान में लगाए जो कि बताए अनुसार देखभाल कर पहली फसल के रूप में तीन वर्ष की अवधि के उपरांत लजीज फलों के उत्पादन ने मेहनत की मिठास का अहसास पौध तैयार करने के संकल्प को मजबूत कर दिया और गूठी विधि से बीजों से फूटे अंकुर आज पौध का स्वरूप ले गए।

इन इलाकों में 20 डिग्री तापमान से कम में देता है फल

पूछने पर बताते हैं कि सेव अमूमन देश मे ठंडे इलाकों उत्तरांचल और हिमाचल में 20 डिग्री तापमान से कम में फल देता है जो कि जून जलाई में फूलता है और अक्टूबर नवम्बर माह में बिक्री के लायक तैयार हो जाता है। मगर इजरायली प्रजाति का यह सेव फरवरी में फूलता है और जून जुलाई में फल को तैयार कर बाजार में पहुंच जाता है जो कि लाभ की दृष्टि से बहुत ही उत्तम है।

इस पैदावार से किसानों की तकदीर और तस्वीर बदलेगी

फसल तैयारी के सम्बंध में बताया गया हैं कि कृषक को 2 घन फुट गड्ढे जून माह के आखिरी सप्ताह में खोदकर उसमे जैविक खादों को डालकर वर्षा काल गुजर जाने के बाद सितम्बर माह में कभी भी पौधे को रोपित किया जा सकता है। जिसे समय समय पर वर्मी कम्पोस्ट देकर पौधे को ग्रोथ दी जा सकती है। जो कि 2 से 3 वर्ष के बाद फूलने लगता है और एक पेड़ लगभग प्रतिवर्ष 50 किलो सेव उत्पादित कर देता है। आज इस उद्यान में लगभग 200 पेड़ रोपित होने का इंतजार कर रहे हैं। बाग लगाने में पेड़ों की आपस मे 3 मीटर की दूरी आवश्यक है जंहा प्रति हेक्टेयर लगभग 1000 पेड़ 50 कुंतल पैदावार सामान्य सी बात है। कहने में संकोच नहीं है कि इस इजरायली सेव की सफल पैदावार जिले के किसानों की तकदीर और तस्वीर बदलने में क्रांतिकारी पहल के रूप में अहम माना जा रहा है।

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