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औरैया

यहां नहीं चलता सरकार का आदेश, मनमानी करते हैं अधिकारी

यूपी के इस जिले में सरकार का आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है।

औरैयाJul 21, 2018 / 03:47 pm

Mahendra Pratap

sarkari employee not working on Government order

यहां नहीं चलता सरकार का आदेश, मनमानी करते हैं अधिकारी

औरैया. केंद्र व प्रदेश सरकार ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को समय से आने की सलाह दी थी लेकिन कुछ दिन तक चला अभियान अब ठंडे बस्ते में है। जनपद में यहां न काम सही और न ही अधिकारी, एक तरफ सूबे में सरकार बनते ही जनता को ये यकीन हुआ था कि अब उसके सारे कार्य बिना रिश्वत के सीधे होंगे। मगर आज के हालात पहले होने वाली लूट घसूट से भी अधिक बत्तर नजर आ रही है। कस्बा स्थित सैन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया की हालत ये बनी हुई है। जैसे यहां जनता की कोई जरूरत ही न हो एक तरफ जहां क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले हजारों लोगों के बचत खाते सैन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया में है तो वहीं बैंक कर्मचारियों की बदसलूकी चरम पर है अधिकारियों को ना ही सरकार का डर है और ना ही अपने सीनियरों का खोफ बैंक कर्मचारी बेखोफ तरीके से असम्भदानिक रूप से कार्य करते है।

पीने को पानी तक की व्यवस्था नहीं

जहां एक तरफ बैक के आलाधिकारी धूप में आए उपभोक्ताओं को बैठने तथा पेयजल की व्यवस्था के लिए आदेश दे रही है तो वही बैंक परिसर में उपभोक्ताओं के लिए पीने को पानी तक की व्यवस्था नहीं है। एक आरओ वॉटर है भी तो सिर्फ स्टाप के लिए इतना ही नहीं पैसे निकालने आई। जनता के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार करना एवं उपभोक्ताओं से झगड़ा होना तो मानो सैन्ट्रल बैंक के कर्मचारियों के लिए तो आम बात है। बैंक में तैनात चपरासी भी ब्रांच मैनेजर से कम नहीं हैं।

दस से बारह परसेन्ट की मांग

बैंक में आने वाले नियमित उपभोक्ताओं ने बताया कि केसीसी इत्यादि के लिए उनसे दस से बारह परसेन्ट की मांग की जाती है वो भी उन दलालों से जो ब्रांच मैनेजर द्वारा नियुक्त किए गए हैं। दलालों की दलाली के चलते उपभोक्ताओं का ब्रांच मैनेजर से मिलना तो दूर शक्ल भी देखने को नहीं मिलती। जिससे बेचारे किसान मजबूरी में बस उन दलालों से काम कराते है जिससे मक्का , बाजरा की बुआई तथा धान की रोपाई के लिए उन्हें धन मिल सके। जिससे समय से उनके खेतों का काम हो सके। किसानों की हितकारी योजनाओं का लाभ शायद उन तक सरकार भले ही भेज रही हो मगर इन भृष्ट अधिकारियों के चलते गरीब किसान मजबूर है। जिसका फायदा बैक मैनेजर के दलाल उठा रहे है। बैंक मैनेजर की ऑफिस के बाहर ताला नजर आ रहा था जबकि अन्दर जाकर देखा तो दूसरे गेट पर प्रवेश निषेध लिखा था जबकि अन्दर जाकर देखा तो ब्रांच मैनेजर अन्दर मौजूद थे।

प्रिंटर खराब होने के कारण पास बुक प्रिंट नहीं हो रही

ब्रांच मैनेजर अजय सिन्हा से बात करने पर उन्होंने कहा कि प्रिंटर खराब होने के कारण पास बुक प्रिंट नहीं हो रही है तथा इसके साथ ही साथ उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की कोई भी दलाली नहीं हो रही है। परंतु गेट बंद करने का कारण पूछा तो ब्रांच मैनेजर अजय सिन्हा ने कहा कि मैं आम जनता के लिए नहीं बैठा हूं जब किसी को कोई जरूरी काम होता है तो और स्टाप है बात करने के लिए जिससे साफ जाहिर होता है कि ब्रांच मैनेजर की शह पर ही दलाली पनप रही है।

उपभोक्ता काफी परेशानी महसूस कर रहे

तो वहीं उपभक्ताओं के खड़े होने की जगह पर मोटर साइकिल खड़ी होती हैं जिससे उपभोक्ता काफी परेशानी महसूस कर रहे थे। सैन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया की हालत को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे लोग यहां अपने पैसे नहीं बल्कि भीख मांगने आते हो ब्रांच का मैनेजर हो या चपरासी सभी उपभोक्ताओं से बड़े ही बत्तमीजी से पेश आते हैं। जिसकी सूचना उपभोक्ताओं के द्वारा प्राप्त होती रहती है।

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