चार लाख से अधिक प्रथम श्रेणी में पास
चार लाख से अधिक विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में पास हुए हैं। इस बार कुल 14,94,071 परीक्षार्थी मैट्रिक परीक्षा में शामिल हुए थे। इसमें 7,29,213 छात्रों जबकि 7,64,858 छात्राएं परीक्षा में शामिल हुईं। इनमें 4,03,392 प्रथम श्रेणी,5,24,217 द्वितीय श्रेणी तथा 2,75,402 परीक्षार्थी तृतीय श्रेणी में पास हुए। परीक्षार्थी अपना रिजल्ट biharboardonline.bihar.gov.in वेबसाइट पर देख सकते हैं।
बोर्ड ने बदनामियों से बचने के लिए किए ये काम
बिहार बोर्ड ने अपनी बदनाम हुई पहचान को मिटाने के लिए इस बार कड़ी मशक्कत की। और इस तरह लॉकडाउन में रिजल्ट जारी करने वाला देश का पहला राज्य बन गया। कॉपियों की जांच पूरी होने के बाद सभी 38 जिलों के टॉपर्स की कॉपियों को शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भेजकर मंगवाया और दोबारा जांच की। जांच दोबारा पूरी होने के बाद टॉपर्स का वेरिफिकेशन किया गया। वेरीफिकेशन के लिए सभी विषयों के एक्सपर्ट्स का एक विशेष पैनल गठित किया गया था। बता दें कि टॉपर्स की मेरिट को लेकर पहले बिहार बोर्ड की बड़ी हद पिट चुकी है। परीक्षाओं में सेटिंग्स और बड़ी सौदेबाजी कर बिहार बोर्ड से टॉप कराए जाने की खूब बदनामी पहले होती रही है।
पिछले साल 60.73% हुए थे पास
2019 में बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में 60.73% परीक्षार्थी पास हुए थे। गत वर्ष 16,60,609 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें 06,36,046 छात्राएं और 06,83,990 छात्र थे।वर्ष 2018 में बोर्डर की मैट्रिक परीक्षा में 68.89% परीक्षार्थी पास हुए थे। कड़ाई से कदाचार मुक्त हुई परीक्षा के चलते विद्यार्थियों ने लगन और मेहनत से तैयारी की। रिजल्ट से इस बात का पता चलता है कि सख्ती और अनुशासन के बाद बिहार के नौनिहालों ने अपनी परंपरागत प्रतिभाओं का प्रदर्शन करते हुए बेहतर 80.59% परीक्षा परिणाम देकर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिखाया है।
मेहनत ही सक्सेस मंत्र…
टॉपर्स से उनकी सफलता का राज पूछ गया तो उन्होंने कड़ी मेहनत को अपना सक्सेस मंत्र बताया। सभी ने एक ही बात दोहराई कि परिजनों के सपोर्ट और गुरुजनों के उचित मार्गदर्शन के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। लगन से मेहनत की और यह मुकाम हासिल किया। परिक्षार्थियों ने बोर्ड का भी धन्यवाद किया, इस मुश्किल घड़ी में रिजल्ट जारी कर बोर्ड ने बच्चों की एक चिंता का समाधान कर दिया है।