खैर, इन सवालों का पुख्ता जवाब मिलता नज़र आ रहा है। हालांकि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में धीमा जरूर रहा है, लेकिन इलेक्ट्रिक कारें यहां खरीदारों के बीच लगातार लोकप्रियता हासिल कर रही हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (FY2021-2022, या अप्रैल 2021 और सितंबर 2021 के बीच) में, इंडियन मार्केट में कुल 6,261 इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री हुई, जो कि एक नया रिकॉर्ड है। इससे पहले इतने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री नहीं हुई थी।
यदि हम पिछले साल के आंकड़ों से इनकी तुलना करें तो इसी अवधि के दौरान, यानी अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 तक, देश में कुल 1,872 यूनिट इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री हुई थी। जो साल-दर-साल (YoY) के आधार पर 234 प्रतिशत का इज़ाफा दिखाता है। बीते कुछ सालों में देश में कई नए इलेक्टिक कारों की एंट्री हुई है, जैसे कि हुंडई कोना, टाटा नेक्सॉन, एमजी जेडएस, टाटा टिगोर ईवी इत्यादि। लेकिन इन सभी में Tata Nexon EV सबसे तेजी से मशहूर हो रही है।
इन इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड:
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान Tata Nexon EV देश की सबसे ज्यादा बेची जाने वाली इलेक्ट्रिक वाहन बनी है। इस दौरान कंपनी ने कुल 3,618 यूनिट्स की बिक्री की है जो कि पिछले साल की तुलना में 214 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं दूसरे पायदान पर MG ZS इलेक्ट्रिक एसयूवी ने कब्जा जमाया है, इस दौरान इसके कुल 1,789 यूनिट्स की बिक्री हुई है जो कि साल-दर-साल आधार पर 250 प्रतिशत ज्यादा है। इसके अलावा 801 यूनिट्स के साथ Tata Tigor EV देश की तीसरी सबसे ज्यादा बेची जाने वाली इलेक्ट्रिक कार बनी है।
दक्षिण कोरिया की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी हुंडई की इकलौती इलेक्ट्रिक एसयूवी Kona चौथे पोजिशन पर है। कंपनी ने इसके महज 51 यूनिट्स की बिक्री की है। इस इलेक्ट्रिक एसयूवी की डिमांड तेजी से कम हुई है। वहीं महिंद्रा वेरिटो इलेक्ट्रिक के महज 2 यूनिट्स बेचे गए हैं। इसकी बिक्री में पूरे 75 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल सेग्मेंट में टाटा मोटर्स तेजी से अपनी पकड़ बना रहा है। नेक्सॉन और टिगोर के अलावा कंपनी अल्ट्रॉज के इलेक्ट्रिक वर्जन को उतारने की तैयारी कर रही है। वहीं मारुति सुजुकी भी लंबे समय से वैगनआर के इलेक्ट्रिक वर्जन पर काम कर रही है। WagonR इलेक्ट्रिक को कई अलग-अलग मौकों पर टेस्टिंग के दौरान देखा भी गया है।