सबसे पहले गाड़ी के टायर चेक कर लेने चाहिएं, क्योंकि पहाड़ों पर गाड़ी चलाना कठिन होता है और गाड़ी फिसलने का खतरा भी रहता है। इसलिए ये ध्यान रहे कि आपकी गाड़ी के टायर घिसे हुए नहीं है, अगर ऐसा है तो उन्हेें बदलकर ही पहाड़ों पर जाएं। स्टेफनी जरूर साथ ही लेकर जाएं और टायर में हवा का प्रेशर भी चेक करें।
पहाड़ों पर अगर गाड़ी में किसी तरह की कोई खराबी आती है तो मैकेनिक जल्दी नहीं मिल पाते हैं, इसलिए आपको गाड़ी के बारे में जानकारी होनी चाहिए। गाड़ी में टूल किट रखी होनी चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर मदद हो पाए।
गाड़ी की सभी लाइट्स को पहाड़ों पर जाने से पहले चेक कर लें। जैसे हैड लाइट्स, रियर लाइट्स, इंडीकेटर्स, फॉग लैंप्स आदि में कोई खराबी है तो उसे ठीक करवाएं या फिर बदलवाएं। पहाड़ों की सड़कों पर लाइट्स नहीं होती हैं, इसलिए रात के समय कुछ भी नजर नहीं आता है।
गाड़ी के वाइपर को पहाड़ों पर जाने से पहले चेक करें कि वो ठीक से काम कर रहा है या नहीं उसकी रबड़ घिस तो नहीं गई है। पहाड़ों पर कब बारिश हो जाए या बर्फ गिर जाए इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है और ऐसी स्थिति में सामने का कुछ भी नजर नहीं आता है।
गाड़ी की पहले सर्विसिंग करवा लें ताकि उसमें कुछ कमी है तो वो पूरी हो जाए। जैसे कूलेंट, इंजन ऑयल, ब्रेक ऑयल जैसी चीजों को पूरा रखें। इसी के साथ कार का हीटर ठीक है या नहीं ये भी चेक कर लें, क्योंकि बर्फ पड़ने के बाद कार में बहुत ज्यादा ठंड लगने लगती है। ब्रेक को देख लें कि ठीक से लग रहे हैं या नहीं क्योंकि पहाड़ों पर कार के ब्रेक का टाइट होना बहुत ज्यादा जरूरी है।