सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन ही नहीं बल्कि, एथेनॉल, मेथेनॉल और बायो सीएनजी से चलने वाले वाहनों का विकल्प भी लोगों के सामने होगा क्योंकि वाहनों को इलेक्ट्रिक प्लेटफॉर्म पर लाने में अभी कुछ समय लग सकता है। ऐसे में जो लोग इलेक्ट्रिक वाहन नहीं खरीद सकते हैं वो इन वैकल्पिक ईंधनों से चलने वाले वाहनों पर स्विच कर सकते हैं।
गडकरी अपने एक बयान में पहले ही बता चुके हैं कि लोगों पर इलेक्ट्रिक वाहनों का नियम जबरदस्ती थोपा नहीं जा सकता। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी नेचुरल प्रोसेस से चलन में आएगा। ऐसे में पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।
आपको बता दें कि पिछले कई सालों के मुकाबले इस साल इलेक्ट्रिक वाहनों को भारत में काफी बड़े पैमाने पर प्रमोट किया गया है। यहां तक की इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी दी जा रही है साथ ही जीएसटी भी कम कर दिया गया है। भारत की एक बड़ी आबादी हर रोज पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करती है ऐसे में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को इलेक्ट्रिक प्लेटफॉर्म से रिप्लेस किया जाएगा। इसमें जितनी भी बसें हैं उन्हें सबसे पहले इलेक्ट्रिक प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा जिससे प्रदूषण के स्तर को बढ़ने से रोका जा सके।