हॉर्न बजाने पर 12,000 का चालान:
मोटर व्हीकल एक्ट नियम 39/192 के अनुसार कार, बाइक या अन्य किसी भी तरह के वाहन में यदि प्रेशर हॉर्न का का इस्तेमाल किया जाता है तो यह ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। इस दशा में पकड़े जाने पर आपको प्रेशर हॉर्न बजाने पर 10,000 रुपए का चालान कट सकता है। इसके अलावा सड़क पर कई ऐसे एरिया भी होते हैं जिन्हें साइलेंस जोन घोषित किया गया होता है, इन एरिया में ‘नो हांक’ का साइन बोर्ड भी लगाया जाता है। संसोधित नियमों के अनुसार यदि कोई वाहन चालक साइलेंस जोन में हॉर्न बजाता है तो नियम 194F के अनुसार 2,000 तक के चालान का प्रावधान है।
हेलमेट पहने में की लापरवाही तो कटेगा चालान:
आमतौर पर लोग केवल हेलमेट पहन लेने को ही चालान से बचने का सबसे अचूक हथियार मानते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, यदि आपने हेलमेट पहनने या फिर हेलमेट की गुणवत्ता से कोई समझौता किया तो इस दशा में भी आपको चालान का सामना करना पड़ सकता है। Motor Vehicle Act के मुताबिक, दोपहिया वाहन चलाते वक्त यदि चालक ने हेलमेट की स्ट्रिप को नहीं बांधा है तो ये नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। मोटर व्हीकल एक्ट 194D के अनुसार इस दशा में 1,000 रुपये तक का चालान काटने का प्रावधान है।
इसके अलावा बिना BIS आपका हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) प्रमाणित होना चाहिए, यदि ऐसा नहीं है तो इस दशा में भी 2,000 रुपये के चालान का नियम है। बता दें कि, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने हाल ही में एक अधिसूचना पारित की थी, जिसमें कहा गया था कि 1 जून, 2021 से सभी दोपहिया हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) प्रमाणित होने चाहिए और भारतीय मानक (ISI) का निशान होना अनिवार्य है।
रेसिंग और ओवरस्पीडिंग पर चालान:
यदि कोई वाहन चालक रोड पर रेसिंग करते हुए पकड़ा जाता है तो ट्रैफिक नियमों के अनुसार 1 महीने की कैद और/या 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। दोबारा पकड़े जाने पर ये जुर्माना बढ़कर 10,000 रुपये तक पहुंच जाता है। इसके अलावा ओवरस्पीडिंग करते हुए पकड़े जाने पर लाइट मोटर व्हीकल (LMV) के लिए 1,000 से 2,000 रुपये और हैवी व्हीकल्स के लिए 2,000 से 4,000 रुपये के चालान का प्रावधान है। इतना ही नहीं इस दशा में चालक का ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
नाबालिग द्वारा ड्राइविंग करने पर:
यदि कोई नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है तो अभिभावक (Guardian) या वाहन मालिक को इसका चालान भुगतना होगा। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत इस दशा में 25,000 के जुर्माने के साथ 3 साल की कैद और 12 महीने के लिए वाहन का पंजीकरण रद्द करना। कार चलाने वाले किशोर पर किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
खतरनाक ड्राइविंग या रेड-लाइट जंप करने पर:
यदि वाहन चालक सड़क पर खतरनाक ढंग से ड्राइविंग करता है, जिससे दूसरे वाहन चालकों को असुविधा हो या फिर उनकी जान पर खतरा बने तो इस दशा में भी कड़े नियम बनाए गए हैं। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार डैंजरस ड्राइविंग करते हुए पहली बार पकड़े जाने पर 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये की फाइन या फिर 6 महीने से लेकर 1 साल तक के लिए जेल का प्रावधान है। वहीं दूसरी बार पकड़े जाने पर 10,000 रुपये का चालान या दो साल की जेल का नियम तय किया गया है।