उन्होंने बड़ी संख्या में वाहनों की बिक्री पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या धोखाधड़ी से कुछ हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मार्च के आखिरी हफ्ते में सामान्य से ज्यादा वाहन बिके, जबकि इस दौरान लॉकडाउन था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में BS-IV वाहन बिक्री के आंकड़े भी मांगे हैं।
क्या है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने BS-IV वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी। इसी के बीच में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू था, जबकि 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू हो गया। इधर डीलरों के पास बड़ी संख्या में BS-IV टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर गाड़ियां बिक्री के लिए बची थीं. इसलिए डीलर BS-IV वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
इसपर सुप्रीम कोर्ट ने डीलरों को 10 फीसदी BS-IV वाहनों को बेचने की परमिशन दी थी। इसके बाद आठ जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने 27 मार्च के आदेश को वापस ले लिया. कोर्ट के इस फैसले के बाद 31 मार्च 2020 के बाद बिके BS-IV वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लग गई है. अब ताजा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले को बरकरार रखा है।
आपको बात दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई को बीएस-4 व्हीकल्स की बिक्री को लेकर 27 मार्च को दिया गया अपना आदेश वापस ले लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च के अपने आदेश में कहा था कि कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिन के लिए दिल्ली-एनसीआर के अलावा देश के शेष हिस्सों में बीएस-4 वाहनों की बिक्री हो सकेगी. लेकिन बिक्री बचे हुए स्टॉक के केवल 10 फीसदी तक ही सीमित रहनी चाहिए।