scriptVehicle Scrappage Policy: हर वाहन मालिक को जरूर जाननी चाहिए ये बातें | Vehicle Scrappage Policy: Every vehicle owner should know these major points | Patrika News

Vehicle Scrappage Policy: हर वाहन मालिक को जरूर जाननी चाहिए ये बातें

locationनई दिल्लीPublished: Mar 11, 2021 09:27:41 pm

वाहनों को नष्ट करने की नीति के लागू होने से पहले आपके लिए जरूरी बात।
व्हीकल स्क्रेपेज पॉलिसी के तहत निजी और वाणिज्यिक वाहनों की समयसीमा अलग।
निजी वाहन 20 साल तो वाणिज्यिक 15 साल पूरे होने पर फिटनेस टेस्ट से गुजरेंगे।

Vehicle Scrappage Policy: Every vehicle owner should know these major points

Vehicle Scrappage Policy: Every vehicle owner should know these major points

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में वाहनों को नष्ट की जाने (व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी) वाली आगामी नीति के बारे में ज्यादा जानकारी का खुलासा किया है। इस नीति का मकसद सड़क पर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को कम करने के लिए पुरानी कारों को नष्ट करना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पिछले महीने बजट पेश करने के दौरान प्रस्तावित की गई इस नीति की मांग लंबे वक्त से कार निर्माताओं द्वारा की जा रही है और इससे नई कारों की बिक्री को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इस पॉलिसी के पूरी तरह से लागू होने की घोषणा से पहले बतौर वाहन मालिक आपको कुछ जरूरी बातें पता होनी चाहिए कि कैसे ये आपको प्रभावित कर सकती है।
जरूर पढ़ेंः ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए वाहनों को नष्ट करने की पॉलिसी का ऐलान

1. नया वाहन खरीदने में मिलेगी छूट

जो वाहन मालिक अपने पुराने वाहनों से छुटकारा पाने के लिए आगामी स्क्रैपेज पॉलिसी का विकल्प चुनते हैं, वे पॉलिसी के अंतर्गत दिए जाने वाले लाभ या छूट के लिए तब पात्र होंगे जब वे एक नया वाहन खरीदेंगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा है कि जो उपभोक्ता अपने पुराने वाहन को कबाड़ के लिए देते हैं और वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत नया खरीदते हैं, उन्हें नई खरीद पर ऑटो कंपनियों से लगभग 5 प्रतिशत छूट मिलेगी।
2. छूट के लिए किन बातों का रखा जाएगा ध्यान

हालांकि केंद्रीय मंत्री ने पुराने वाहनों के लिए 5 प्रतिशत छूट देने की घोषणा की, लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि पुराने वाहनों के लिए छूट की दर को निर्धारित करने के लिए किन बातों को देखा जाएगा। संभवता यह तय करने के प्रमुख कारकों में से एक बिक्री के लिए जाने वाले पुराने वाहनों की उम्र और स्थिति देखी जाएगी। सामान्य तौर पर एक निश्चित आयु के बाद सरकार सड़क पर वाहनों को प्रोत्साहित नहीं करेगी। इस योजना के हिस्से की बारीकियां आने वाले दिनों में साफ होने की उम्मीद है।
https://www.dailymotion.com/embed/video/x7znajl
3. फिटनेस टेस्ट होगा अनिवार्य

व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी के मुताबिक 20 साल से अधिक पुरानी यात्री कारों के मालिकों को अनिवार्य फिटनेस परीक्षण के लिए जाना होगा। परीक्षण सुविधा यानी टेस्टिंग फैसिलिटी को पीपीपी मॉडल के आधार पर स्थापित किया जाएगा, जो ऑटोमैटिक टेस्टिंग करेगी और प्रमाणित करेगी कि कोई वाहन सड़कों के लिए फिट है या नहीं। इसी तरह 15 वर्ष से अधिक पुराने वाणिज्यिक वाहनों के लिए भी फिटनेस परीक्षण किए जाएंगे।
Must Read: पेट्रोल या डीजल में कौन से फ्यूल वाली कार रहेगी आपकी जेब पर हल्की, ऐसे जानें

4. कबाड़ बनाओ या जुर्माना दो

अगर कोई भी वाहन इस ऑटोमेटेड टेस्टिंग में सफल होने में विफल रहता है, तो उसे सड़कों से हटाने की जरूरत होगी या भारी मात्रा में जुर्माने का सामना करना पड़ेगा। इस प्रकार, यदि आपका वाहन पॉलिसी में दी गई आयु का है और ऑटोमेटेड टेस्टिंग में भी विफल हो गया है, तो यह माना जाता है कि यदि उसे सड़क पर देखा गया तो उसे जब्त किया जा सकता है। हालांकि अभी तक यह आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं किया गया है कि कार को सड़क पर चलाने के लिए कितना जुर्माना देना पड़ेगा।
5. ग्रीन टैक्स का करना होगा भुगतान

पॉलिसी लागू होने के बाद अगर आपका निजी वाहन 8 वर्ष से अधिक पुराना है, लेकिन ऑटोमेटेड टेस्टिंग पास कर ली है, तब भी इसे ग्रीन टैक्स का भुगतान करना होगा। यह ग्रीन टैक्स रोड टैक्स के 10-25 फीसदी के बीच में होने की संभावना है। और जब आप वाहन के फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण के लिए जाएंगे, तब रोड टैक्स के अतिरिक्त इसे आपसे वसूला जाएगा।
https://youtu.be/qxtKOCdPA_I
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो