पत्थरों की आपूर्ति से लेकर निर्माण तक के लिए मिली जिम्मेदारी राम मंदिर के लिए नींव निर्माण से लेकर सुपर स्ट्रक्चर निर्माण के लिए देश की सबसे बड़ी कंपनी लार्सन एन्ड टूब्रो व टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियरिंग को दी गई है। राम मंदिर ट्रस्ट कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता की माने तो मंदिर फाउंडेशन तैयार किये जाने के बाद कर्नाटक के ग्रेनाइट पत्थर ***** का निर्माण किया जा रहा के बाद राजस्थान के बंसी पहाड़पुर में मिलने वाले पिंक सैंड स्टोन से मंदिर निर्माण का कार्य किया जाएगा। जिसके लिए पत्थरों की आपूर्ति से लेकर पत्थरों की तरासी करने व लगाने जाने का कार्य भी एलएंडटी के द्वारा किया जाएगा।
मंदिर निर्माण में खर्च हुए 200 करोड़ राम मंदिर ट्रस्ट कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर निर्माण के लिए अब तक 200 करोड़ से अधिक का खर्च किया जा चुका है तो वही कहा कि मंदिर निर्माण की प्रक्रिया लगातार बढ़ते क्रम में है। मंदिर के प्लिंथ निर्माण के साथ गर्भगृह पर पत्थरों को लगाए जाने का कार्य किया है। जिसमे प्रतिमाह लगभग 25 करोड़ रुपये का खर्च हो रहा है। वही कहा कि दिसंबर 2023 तक चल के निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा और जनवरी 2024 में रामलला विराजमान भी हो जाएंगे।