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अयोध्या

सब ठीक रहा तो वर्ष 2023 तक श्रद्धालु कर सकेंगे रामलला के दर्शन

– राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिनी बैठक समाप्त

अयोध्याJul 15, 2021 / 07:10 pm

Mahendra Pratap

अयोध्‍या में बनेगा देश का पहला लग्जरी सोलर रामायण क्रूज

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

अयोध्या. Ram temple construction committee meeting राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक के दूसरे दिन मंदिर निर्माण की प्रगति, बुनियाद में ललितपुर के ग्रेनाइट पत्थरों का प्रयोग व सुरक्षा पर मंथन हुआ। यह बैठक निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की अगुवाई में हुई। नृपेंद्र मिश्र (nripendra mishra) ने यह भरोसा दिलाया कि, मंदिर का निर्माण कार्य पूर्व निर्धारित लक्ष्य के अनुसार पूरा हो जाएगा। और ऐसा अनुमान है कि सब कुछ ठीक रहा तो वर्ष 2023 ( year 2023 Ramlala Darshan) तक श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन का लाभ मिल सकेगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट वापस कर रहा है विदेशी रामभक्तों का चंदा, आखिर क्यों?

बैठक में शमिल दिग्गज :- सर्किट हाउस में हुई बैठक में चेयरमैन के साथ राम गांविंददेव गिरिजी कोषाध्यक्ष ट्रस्ट, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य अनिल मिश्र, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, टाटा कंसल्टेंसी व एलएनटी के एक्सपर्ट, आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा भी मौजूद थे।
वाटर प्रूफिंग के लिए 3 परतें लगाई जाएंगी :- चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने जारी की अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहाकि, प्लिंथ की ऊंचाई 16 फुट होगी। मंदिर के लिए मिर्जापुर स्टोन का उपयोग करने का निर्णय लिया गया। मिर्जापुर स्टोन का ऑर्डर दे दिया गया है मिर्जापुर पत्थर का पहला जत्था मौके पर पहुंच चुका है इनके वाटर प्रूफिंग के लिए प्लिंथ के चारों ओर ग्रेनाइट पत्थर की 3 परतें लगाई जाएंगी।
परकोटे के लिए जोधपुर पत्थर का उपयोग :- चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने आगे बताया कि, मंदिर के परकोटे के लिए जोधपुर पत्थर का उपयोग किया जाएगा। जोधपुर पत्थर के भी विनिर्देशों को अंतिम रूप आर्किटेक्ट मैसेज टीसीआई द्वारा किया जा रहा है। मंदिर निर्माण में उपयोग होने वाले बंसी पहाड़पुर पत्थर के सम्बंध में राजस्थान और भारत सरकार से लगातार सम्पर्क किया गया है। राज्य व केंद्र सरकार इस मामले में सहयोग कर रहीं हैं। जल्द ही पत्थर खरीद शुरू होने की संभावना हैं।
प्रारंभिक मास्टर प्लान तैयार :- चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने आगे बताया कि, परकोटे के बाहर के लिए प्रारंभिक मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इसमें तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र, संग्रहालय, अभिलेखागार, अनुसंधान केंद्र, सभागार, गौशाला, यज्ञशाला प्रशासनिक भवन आदि शामिल है। स्थानीय अयोध्या नगरी के आदरणीय संतों एवं साधुओं के सुझाव भी मास्टर प्लान में सम्मिलित होंगे। उनकी आवश्यकताओं को शामिल करने के लिए मास्टर प्लान पर चर्चा की जा रही है
पहले दिन मंदिर निर्माण की प्रगति पर समीक्षा :- सर्किट हाउस में बुधवार दोपहर करीब तीन बजे बैठक शुरू हुई। ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि बैठक के पहले दिन केवल मंदिर निर्माण की प्रगति की समीक्षा की गई। राममंदिर के नींव की 15 लेयर तैयार हो चुकी है, 16वीं लेयर बनाने का काम चल रहा है। बरसात का मौसम है काम चले या नहीं इस पर विचार विमर्श किया गया। अक्तूबर तक नींव भराई का काम पूरा कर लेने का ट्रस्ट का लक्ष्य है। बताया कि नवंबर से पत्थरों को लगाने का काम शुरू किया जाएगा। बताया जा रहा था कि भूमि खरीद घोटाले में मंदिर निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र पहली बार समीक्षा करने पहुंच पर इसपर अभी कोई बात हुई या नहीं पता नहीं चल सका है।
ट्रस्ट वापस कर रहा है विदेशी रामभक्तों का चंदा

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अपने विदेशी राम भक्तों से लिए चंदें को वापस कर रहा है। करीब 18 हजार विदेशी भक्तों के चंदें को ट्रस्ट ने वापस कर दिया है। ट्रस्ट ने चंदें की वापसी के पीछ वजह बताई है कि, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास एफसीआरए लाइसेंस नहीं है। इसलिए ट्रस्ट विदेशी स्रोतों से चंदा स्वीकार नहीं कर सकता है। यह कानूनी रुप से अपराध माना जाता है। करीब एक माह के अंदर एफसीआरए लाइसेंस मिल जाएगा। इस लाइसेंस के प्राप्त होने के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की दिल्ली शाखा में एक विशेष खाता खोला जाएगा। विदेशी नागरिक इस अकाउंट में सीधे पैसा दान कर सकेंगे। उसके बाद समय-समय पर यह पैसा ट्रस्ट के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

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