इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने कहा कि मस्जिद के नाम के बारे में तमाम सुझाव मिल रहे हैं। लेकिन, प्रस्तावित नामों की सूची में ‘मस्जिद धन्नीपुर’ का नाम सबसे ऊपर पर है। ‘अमन मस्जिद’ और ‘सूफी मस्जिद’ आदि नामों पर चर्चा हो रही है। अधिक संभावना है ‘मस्जिद धन्नीपुर’ नाम की है।
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ट्रस्ट का कहना है कि वह नई मस्जिद को 16वीं शताब्दी की विवादित संचरना से नहीं जोड़ना चाहते है। हुसैन ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड शुरू से अपने स्टैंड पर कायम है कि मुगल सम्राट बाबर के नाम पर मस्जिद का नाम नहीं रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थापित परंपरा है कि मस्जिदों का नाम अक्सर इलाके या स्थानीयता के नाम पर रखा जाता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मिली थी 5 एकड़ जमीन
अयोध्या विवाद पर नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में 2.77 एकड़ की जगह देने का आदेश दिया था। साथ ही मस्जिद के निर्माण के लिए वैकल्पिक स्थल पर पांच एकड़ जमीन देने का भी आदेश दिया था। इसके बाद यूपी सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए रौनाही थाना क्षेत्र के धन्नीपुर गांव में 5 एकड़ जमीन दी है।
अयोध्या विवाद पर नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में 2.77 एकड़ की जगह देने का आदेश दिया था। साथ ही मस्जिद के निर्माण के लिए वैकल्पिक स्थल पर पांच एकड़ जमीन देने का भी आदेश दिया था। इसके बाद यूपी सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए रौनाही थाना क्षेत्र के धन्नीपुर गांव में 5 एकड़ जमीन दी है।