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अयोध्या में नया अध्याय : सीमेंट, अभ्रक और सिलिकान के मसाले से भरी जाएगी राममंदिर की नींव

– पत्थरों को आपस में जोडऩे के लिए होगा तांबे का उपयोग- मंदिर निर्माण के डॉक्यूमेंटेशन के लिए दूरदर्शन करेगी वीडियो रिकॉर्डिंग-आम लोग भी देख सकेंगे हर रोज का निर्माण प्रगति

अयोध्याNov 17, 2020 / 06:42 pm

Mahendra Pratap

अयोध्या में नया अध्याय : सीमेंट, अभ्रक और सिलिकान के मसाले से भरी जाएगी राममंदिर की नींव

अयोध्या में नया अध्याय : सीमेंट, अभ्रक और सिलिकान के मसाले से भरी जाएगी राममंदिर की नींव

पत्रिका एक्सक्लूसिव

महेंद्र प्रताप सिंह

अयोध्या. रामनगरी में भव्य श्रीराममंदिर निर्माण की अंतिम रणनीति तय कर ली गयी है। मंदिर को एक हजार साल तक अक्षुण्य रखने के लिए नींव का मसाला सीमेंट, अभ्रक और सिलिकान का इस्तेमाल होगा। पत्थरों को आपस में जोडऩे के लिए तांबे की छड़े लगेंगी। हर रोज के निर्माण कार्य न केवल डॉक्यूमेंटेशन होगा बल्कि दूरदर्शन के जरिए इसे आम जन को भी दिखाने की योजना है। मंदिर निर्माण के लिए जिन पांच कंपनियों को जिम्मेदारी दी गयी है उन सभी ने परिसर में अपना अस्थायी कार्यालय खोल लिया है। दीपावली के बाद मंदिर निर्माण कार्य में तेजी आएगी और रात दिन काम होगा। इस तरह साढ़े तीन साल के भीतर मंदिर को मूर्तरूप दिया जाएगा।
मंदिर निर्माण समिति की दिल्ली में हुई बैठक के ब्लूप्रिंट के अनुसार मंदिर निर्माण के हर दिन की योजना तैयार कर ली गयी है। तकनीक भले ही आधुनिक हो लेकिन मंदिर निर्माण वैदिक रीति रिवाज से ही होगा। मंदिर निर्माण के लिए नामित पांचों कंपनियों के साथ ट्रस्ट ने लिखित एग्रीमेंट किया है।
पहले चरण में 1200 पिलर्स बनेंगे

दीपावली पूजन के बाद एक साथ नींव के लिए 1200 पिलर तैयार करने का काम शुरू होगा। परिसर में पाइलिंग मशीन और ऑटोमेटिक प्लांट मिक्सचर मशीन लग चुकी है। पाइलिंग तैयार करने के लिए कंक्रीट, सीमेंट के साथ अभ्रक और सिलिकान को मिक्स किया जाएगा।
पांच वास्तुशास्त्रीय समिति गठित

मंदिर निर्माण वैदिक रीति रिवाज से ही हो इसके लिए देश के पांच नामचीन वास्तुशास्त्रियों की एक समिति बनाई गई है। यह समिति मंदिर निर्माण में वास्तु शास्त्र के मुताबिक अपनी राय देगी। समिति में जय गोपाल केरल, जी सुब्रमण्यम भट्ट उडुपी कर्नाटक और कृष्ण राजतंत्रा बेंगलुरु के साथ दिल्ली व काशी के वास्तुशास्त्रीय शामिल हैं।
दर्शन के बाद निर्माण कार्य देखने की व्यवस्था

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरी के मुताबिक मंदिर निर्माण के कार्य को श्रद्धालु अपनी आंखों से देख सकें इसकी भी व्यवस्था ट्रस्ट तैयार कर रहा है। नींव तैयार होने के बाद रामलला के दर्शन करने वाले श्रद्धालु मंदिर निर्माण के कार्य को देखने के बाद ही परिसर के बाहर जाएंगे। इसकी व्यवस्था की जा रही है। यही नहीं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण इतिहास के पन्नों में दर्ज हो इसके लिए निर्माण के हर पहलू की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। इस काम का जिम्मा दूरदर्शन को दिया गया है। बाद में इसके प्रसारण की भी व्यवस्था होगी।
किस कंपनी के पास क्या काम

-नींव और फाउंडेशन का कार्य-लार्सन एंड टर्बो कंपनी
-मंदिर निर्माण कार्य- सोनपुरा एंड कंपनी
-नींव और निर्माण सामग्रियों की जांच-आईटीआई चेन्नई व सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट रुड़की
निर्माण कार्यों का मैनेजमेंट कार्य- टाटा कंसल्टिंग इंजीनियरिंग।

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