वीडियो कांफ्रेंसिंग का सहारा:- कोरोना काल व आतंकी सुरक्षा के मद्देनजर राममंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन कार्यक्रम में देश-विदेश से सिर्फ 175 को ही बुलाया गया है। समारोह में कुल 200 खास व्यक्ति शामिल होंगे। इनमें 130 साधु संत है, जिन्हें पंडाल में बैठने का मौका मिल रहा है। लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, प्रवीण तोगडिय़ा और उमा भारती टीवी पर कार्यक्रम देखेंगे या वीडियो कांफ्रेसिंग से जुड़ेंगे।
तैयारी का काम ट्रस्ट का, मेरा काम दर्शन करना :- बजरंग दल के संस्थापक विनय कटियार तीन बार अयोध्या (फैजाबाद) से लोकसभा सांसद और दो बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। कटियार का घर राम जन्मभूमि से थोड़ी दूर स्थित कनक भवन के पीछे है। वह उग्र बयानों और भाषणों के लिए जाने जाते हैं। राम मंदिर आंदोलन की नींव के पत्थर, बाबरी मस्जिद तोडऩे के आरोपी भी हैं। मंदिर की तैयारियोंं से दूर विनय कटियार कहते हैं समारोह की तैयारी का काम ट्रस्ट के लोग देख रहे हैं। मेरा काम दर्शन करना है। मैं 5 अगस्त को दर्शन करने जाऊंगा।
मोदी के जाने के बाद करेंगे दर्शन :- उमा भारती के भाषणों ने राम मंदिर आंदोलनकारियों में जोश भरने का काम किया था। इनके ऊपर भी बाबरी ध्वंस का आरोप है। यह इस समय यह अयोध्या में हैं। उमा भारती ने भूमि पूजन पर दो दिन पहले ट्वीट कर कहा, ‘मैंने रामजन्मभूमि न्यास के अधिकारियों को सूचना दी है कि शिलान्यास के कार्यक्रम के मुहूर्त पर मैं अयोध्या में सरयू के किनारे पर रहूंगी।’ अयोध्या पहुंचने तक मेरी किसी संक्रमित व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है। मोदी के जाने के बाद मैं दर्शन करूंगी।
ऋतंभरा ने कहा बुनियाद को अंधेरे में ही रहना होता है :- साध्वी ऋतंभरा भी राम मंदिर आंदोलन की प्रमुख किरदार रही हैं। वे भी अयोध्या पहुंच चुकी हैं। लेकिन समारोह में उनकी कोई भूमिका नहीं है। राममंदिर आंदोलन से जुड़े बड़े नेताओं के समारोह में शामिल न होने पर उन्होंने कहा जो बुनियाद में जो होते हैं वो अंधेरे में ही होते है। उन्होंने कहा फिर भी आंदोलन से जुड़े बड़े नेता जो अब नेपथ्य में है उनकी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि बुनियाद के बिना शिखर स्थापित नहीं होता। ऋतंभरा ने कहा वह सिर्फ अनुष्ठान और भूमि पूजन कार्यक्रम की साक्षी बनने आयी हैं।