कोरोनावायरस की वजह से तमाम रामललाग की शिफ्टिंग कार्यक्रमों को सीमित कर दिया गया है। अब साधारण तरीके से रामलला के शिफ्टिंग का कार्य होगा। रामलला की शिफ्टिंग करने वाले वैदिक विद्वान पंडित इंद्र देव मिश्रा ने बताया कि दो दिन अनुष्ठान पूजन के बाद 25 मार्च को सुबह रामलला को अस्थाई मंदिर में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इस काम में 15 वैदिक विद्वान लगेंगे जो दिल्ली, प्रयागराज, काशी और अयोध्या के होंगे। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए फिलहाल ट्रस्ट के पदाधिकारियों का यह मानना है कि अब इस कार्यक्रम को सीमित किया जाए।
रास्ते का भी शुद्धिकरण रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र ने बताया किसी भी नए मंदिर में भगवान को विराजमान कराने से पहले उसकी धर्म संगत मान्यताएं हैं। भगवान को विराजमान करने से पहले जमीन और मंदिर दोनों को पवित्र कराया जाएगा। 2 दिन का यह कार्यक्रम है। 23 और 24 मार्च को अनुष्ठान होगा और 25 मार्च की सुबह 4 बजे और रामलला नए मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। रामलला को शिफ्ट करने से पहले रास्ते का भी शुद्धिकरण होगा और वैदिक मंत्रोचार के साथ रामलला पुराने मंदिर से नए आस्था मंदिर में विराजमान होने के लिए निकलेंगे।
30 अप्रैल को हो सकता है भूमि पूजन रामलला को शिफ्ट करने के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन का समतलीकरण शुरू हो जाएगा। अप्रैल के आखिरी सप्ताह में भूमि पूजन भी किया जा सकता है। 4 अप्रैल को अयोध्या में आयोजित ट्रस्ट की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाना है।