वित्त सिंधी सेवा संगम संगठन भारत के सिंधी समाज का ही प्रतिनिधित्व नहीं करता बल्कि विदेशों के सिंधी समाज का भी प्रतिनिधित्व करता है यही कारण था कि भारत के अलग-अलग प्रदेशों से ही नहीं बल्कि नेपाल समेत 3 देशों के भी सिंधी समाज के प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में मौजूद थे। इसमें भाजपा के पूर्व विधायक विजय जौली भी शामिल थे जो 1992 में कार सेवा के समय लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ अयोध्या आए थे । उन्होंने कहा कि उसके बाद से अब अयोध्या आने पर उस समय की घटनाएं चलचित्र की तरह आज भी उनके मस्तिष्क में चलती रहती है और चाहे कोई किसी भी धर्म को मानने वाला हो लेकिन वह प्रभु श्री राम के सामने नतमस्तक होता है ।
विश्व सिंधी सेवा संगम में मुम्बई से अयोध्या पहुँचें राजू मनवानी ने कहा कि हम पूरे सिंधी समाज की तरफ से 200 किलो चांदी एक 1 किलो की ईट है जो आज हम माननीय चंपत राय जी को रामलला के लिए डोनेशन के लिए लेकर आए हैं और हिंदुस्तान के हमारे सभी स्टेट के डेलिगेशन और देशों कभी डेलिगेशन हमारे साथ है इतने उत्साहित हैं लोग विदेशों में भी जहां हमारी बातें होती हैं 500 साल के बाद रामलला को हमारे जगह मिली है अपनी 70 साल तक कानूनी लड़ाई भी लड़ी 37 साल तक उनको टेंट में बैठा रखा था अब तो हर एक हिंदू की भावना है चाहे वह सिंधी हो सिख हो सभी की यह भावना है कि अयोध्या में जो मंदिर बनेगा इस पूरे संसार में आने वाले 10 सालों के अंदर अयोध्या ऐसी पहली जगह होगी जहां हर कोई आने की इच्छा रखेगा एयरपोर्ट का भी काम शुरू हो गया है यहां पर पूरे हिंदुस्तान ही नहीं दुनिया भर के लोग यहां आने लग गए हैं और जमीन ढूंढने लग गए हैं या पूरा श्रेय जाता है हमारे आदरणीय मोदी जी को हमने कभी नहीं सोचा था कि मोदी जी आएंगे और राम मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा हम बहुत खुश हैं।
दिल्ली के पूर्व विधायक विजय जौली ने भाजपा 28 साल के बाद आज मैं अयोध्या आया हूं 6 दिसंबर 1992 को लालकृष्ण आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी जी के साथ भारतीय जनता पार्टी का तब मैं युवा मोर्चा का पदाधिकारी होता था लेकिन 28 साल के बाद प्रभु श्री राम ने मुझे अपने चरणों में विश्व सिंधी सेवा संगम डॉ राजीव मनमानी के जरिए और आर एस एस के प्रचारक आदरणीय इंद्रेश कुमार जी के सौजन्य से आज जो हम यहां पर एकत्रित हुए हैं यह वास्तव में भव्य फीलिंग है 28 साल पहले का वह वक्त था आज भी मेरे आंखों के सामने एक चलचित्र के रूप में चल उठता है जब मैं प्रभु श्री राम का वंदन करता हूं और यह बहुत बड़े सौभाग्य की बात है कि पूरे भारत के सिंधी समाज ने स्वयं अपने प्रयासों से प्रभु श्री राम के चरणों में जो 200 ईट माननीय चंपत राय जी को मुझे लगता है भारत का जन जन चाहे कोई सिंधी है चाहे कोई मुसलमान है चाहे कोई इसाई है चाहे कोई सिख है या किसी भी संप्रदाय को मानने वाला है यह सच्चाई है प्रभु श्री राम के चरणों में दुनिया के सभी धर्मों के लोग आज भी नतमस्तक होते हैं।