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अयोध्या

सौहार्दपूर्ण रहा अयोध्या का 6 दिसंबर, मंदिरों में बजी घंटियां तो वहीं मस्जिदों में हुई अजान, सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम

6 दिसंबर विवादित ढांचा विध्वंस की 27वीं बरसी पर अयोध्या के सरयू नदी में स्नान कर मंदिरों में जहां शंखनाद व घंटे की धुन के बीच आरती पूजा हुई तो वहीं मस्जिदों में अजान हुई।

अयोध्याDec 06, 2019 / 05:06 pm

Neeraj Patel

सौहार्दपूर्ण रहा अयोध्या का 6 दिसंबर, मंदिरों में बजी घंटियां तो वहीं मस्जिदों में हुई अजान, सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम

सौहार्दपूर्ण रहा अयोध्या का 6 दिसंबर, मंदिरों में बजी घंटियां तो वहीं मस्जिदों में हुई अजान, सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम

सत्य प्रकाश
अयोध्या. 6 दिसंबर विवादित ढांचा विध्वंस की 27वीं बरसी पर अयोध्या के सरयू नदी में स्नान कर मंदिरों में जहां शंखनाद व घंटे की धुन के बीच आरती पूजा हुई तो वहीं मस्जिदों में अजान हुई। बरसी को लेकर कहीं शौर्य दिवस का तो कहीं काला दिवस के रूप में यैमे गम का आयोजन किया गया, तो वहीं सौहार्दपूर्ण वातावरण को लेकर मिसाल भी पेश की गई। जिसमें किरदार तो सब वही रहे लेकिन तरीका बदला गया। राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ दिन बाद ही पड़ने वाला 6 दिसंबर को लेकर अयोध्या की सुरक्षा काफी सख्त रही। कई स्थानों पर सघन तलाशी के साथ पहचान पत्र देखने के बाद ही नगर में प्रवेश दिया गया। यह दिन अयोध्या के लिए बड़ा ही संवेदनशील माना जाता है 6 दिसंबर 1992 में रामजन्मभूमि परिसर के लाखों कारसेवकों द्वारा विवादित ढांचा विध्वंस किया गया था। जिसके बाद से हर दिन हर वर्ष सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहते हैं, लेकिन इस बार फैसला आने को लेकर अयोध्या की सुरक्षा में भारी इजाफा किया गया है।

अयोध्या विश्व हिंदू परिषद शौर्य दिवस के आयोजन पर अयोध्या के मंदिरों व मंदिर निर्माण कार्यशाला में दीप जलाकर किया तो वहीं मुस्लिम संगठनों द्वारा किसी भी प्रकार के आयोजन न कर मस्जिदों में अल्लाह का इबादत कर काला दिवस के रूप में यैमे गम मनाया गया। इन कार्यक्रमों के बीच मंदिर निर्माण कार्यशाला में हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख सभी धर्म के लोग एकत्रित होकर अयोध्या से सौहार्द का संदेश दिया। अयोध्या के डीएसपी अमर सिंह ने बताया कि 6 दिसंबर को लेकर अयोध्या संवेदनशील है और सभी प्रमुख स्थानों पर जांच पड़ताल की जा रही है। सभी प्रवेश मार्गों पर चेकिंग व पहचान पत्र देखने के बाद ही शहर में आने दिया जा रहा है, इसके साथ ही अयोध्या के प्रमुख मंदिरों व धार्मिक स्थलों को लेकर पर्याप्त फोर्स तैनात की गई हैं और अयोध्या हमेशा आपसी सौहार्द के रूप में देखी गई है इस बार भी सभी धर्म के लोग एक दूसरे से मिलजुल कर रहे।

कहीं न कहीं सुप्रीम कोर्ट ने गलत किया – हाजी महबूब

बाबरी मस्जिद के पैरोकार हाजी महबूब ने बताया कि 6 दिसंबर विवादित ढांचा विध्वंस की 27वीं बरसी के के उपलक्ष में हम सभी मस्जिद में एकत्रित हुए। यह दिन काला दिवस के रुप में यौमे गम मना रहे हैं और जिंदगी भर मनाता रहूंगा लेकिन देश का माहौल खराब न हो अयोध्या में सब अमन चैन शांति रहे इसलिए इस बार आवास पर होने वाले आयोजन को नहीं किया गया, बल्कि इस दिन को लेकर मस्जिद में कुरानखानी और गम का इजहार किया गया। वहीं सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल किए जाने को लेकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सब कुछ जानते हुए भी भगवान के पक्ष में फैसला कर दिया है इस पर लगा कि कहीं न कहीं सुप्रीम कोर्ट ने गलत किया है और देश के संविधान में रिव्यू दाखिल करने का अधिकार दिया है इसलिए रिव्यू दाखिल किया गया है।

अयोध्या में सौहार्द की जरूरत – इकबाल अंसारी

इकबाल अंसारी ने साफ कर दिया कि अब यौमे गम मनाए जाने की जरूरत नहीं है। और हमारे घर पर कभी भी इस तरह के आयोजन नहीं किए गए क्योंकि बाबरी मस्जिद शहीद किया गया है। इसलिए अब अयोध्या में सौहार्द की जरूरत है वहीं अपील करते हुए कहा कि कोई भी इस तरह का आयोजन ना करें कि यह दिन हमेशा हिंदू मुसलमानों के बीच याद दिलाती रहे वहीं कहा कि पुराने जख्मों पर नमक लगाने की जरूरत नहीं है अब जरूरत है कि लोग इसे भूल जाएं और अयोध्या में रोजगार और विकास की बात हो मुझे बताया कि मंदिर मस्जिद जाति धर्म की राजनीति सिर्फ लोगों का नुकसान ही हुआ है।

रिव्यू पिटिशन दाखिल करने की प्रक्रिया बंद होनी चाहिए – शरद शर्मा

अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद अपने शौर्य दिवस के आयोजन में बड़ा बदलाव रहा विहिप की मानें तो जिस विवाद को लेकर कारसेवक शहीद हुए, वह विवाद समाप्त हो गया और वह जमीन भी रामलला को वापस मिल गई। ऐसे में सौहार्द पूर्ण वातावरण समाज में बने इसके लिए मंदिरों में दीप प्रज्वलन का आयोजन किया गया। विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद हमेशा संतो के नेतृत्व में ही कार्यकर्ता रहा। संत धर्म आचार्यों ने यह निर्णय लिया है कि नगर में दीप प्रज्वलन का आयोजन किया जाएगा। दीपक जांच समस्त संसार को उजाला प्रदान करता है तो वहीं शांति का भी प्रतीक माना जाता है और आगे आने वाले दिनों में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर का निर्माण शुरू होने जा रहा है और हम सभी देश के संविधान कानून को मानते हैं, इसलिए कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए सौर दिवस के रूप में सिर्फ दीप जलाने का कार्यक्रम किया गया। वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर रिव्यू पिटिशन दाखिल करने को लेकर कहा कि ऐसे लोग नहीं चाहते हैं कि देश में शांति व्यवस्था बनी रहे तो यह सब प्रक्रिया बंद होनी चाहिए।

गले मिलकर दिया सौहार्द का संदेश

राम नगरी अयोध्या में जहां शौर्य दिवस और यौमे गम का आयोजन किया गया, तो वहीं राम मंदिर निर्माण कार्यशाला में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई धर्म से आए लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर सौहार्द का संदेश दिया। इस दौरान हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा कि 6 दिसंबर का दिन सौहार्द के रूप में मनाया गया, जिसके लिए यहां पर हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के सभी लोगों ने एकत्र होकर सद्भावना के रूप में मनाया और सभी धर्म के लोगों को चाहिए कि अयोध्या में विकास पर बात हो, तभी देश का भी विकास होगा।

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