अयोध्या को सड़क, रेल और वायु सेवा से जोड़ने की तैयारी है। शहर से कनेक्ट होने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर बस अड्डा, पार्किंग, प्रसाधन और बाजार की विश्वस्तरीय व्यवस्था विकसित की जानी है। प्रत्येक दिशा से अयोध्या की ओर बढ़ते ही भव्य प्रवेशद्वार आगंतुकों का स्वागत करेंगे। विधायक वेदप्रकाश गुप्त के अनुसार इन योजनाओं पर शीघ्र ही अमल किया जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के स्तर से निगरानी की जा रही है। कुछ माह में ही पर्यटन की वैश्विक राजधानी के तौर पर रामनगरी का स्वरूप निखरने लगेगा। इससे न केवल पर्यटन को ही बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
अयोध्या में कराए जा रहे विभिन्न कार्य प्रदेश सरकार अयोध्या को पर्यटन का बड़ा केंद्र बनाने के लिए व शहर को मॉडल शहर के रूप में तैयार करने के लिए लगातार काम कर रही है। नया रूप ‘नव्य अयोध्या’ वैदिक और आधुनिक शहर का एक एकीकृत मॉडल होगा। इसके लिए एक विश्वस्तरीय कंसल्टेंट नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सोहावल से विक्रमजोत के लिए एक बाईपास का प्रस्ताव भी तैयार हो रहा है। इसके अलावा, रायबरेली से अयोध्या तक फोर-लेन सड़क का चौड़ीकरण किया जाना है। इसका निर्माण 1,500 करोड़ रुपये की लागत से किया जाना है।
इनसेट अयोध्या की तरह विकसित होंगे यूपी के 14 शहर अयोध्या की ही तरह यूपी के 14 शहर भी विकसित किए जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डेवलपमेंट प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं।अयोध्या में विश्वस्तरीय सलाहकार की मदद से कोर सिटी और ग्रीन फील्ड टाउनशिप विकसित करके उनमें ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी है, जिन्हें कोई भी देखे तो तारीफ ही करता रह जाए। इसके अलावा पर्यटन विकास, जल आपूर्ति, जल निकासी, वर्षा जल संचयन, सौर ऊर्जा विकास, सीवेज और सड़कों समेत 10 बिंदुओं पर विशेष कार्य होगा। अयोध्या को मॉडल शहर के रूप में तैयार करने के लिए विश्वस्तरीय सलाहकार नियुक्त किया जाना है। उसी की योजना के मुताबिक आवास विभाग अयोध्या विकास प्राधिकरण के माध्यम से यह काम कराएगा। मुख्य सचिव द्वारा सभी जनपदों के डीएम से प्लान मांगा गया है।
10 परियोजनाओं पर रहेगा फोकस डेवलपमेंट प्लान में 10 परियोजनाओं पर फोकस रहेगा। इनमें पर्यटन विकास, जल आपूर्ति, जल निकासी और वर्षा जल संचयन, सौर ऊर्जा विकास, सीवेज और सेनिटेशन, स्मार्ट सड़कें, सड़क सुधार के लिए कार्य, आपदा जोखिम न्यूनीकरण परियोजनाएं और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शामिल है।