राम जन्मभूमि रामलला के दर्शन और पूजन को लेकर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। 5 से ज्यादा श्रद्धालु एक बार में रामलला के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। कोविड 19 के नियमों को ध्यान में रखते हुए भगवान श्री राम के जन्मोत्सव की शुरुआत आज चैत्र नवरात्र के पहले दिन से कलश स्थापना के माध्यम से प्रारंभ कर दिया गया है । रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने शुभ मुहूर्त में भगवान श्री राम के मंदिर राम लला के सामने कलश की स्थापना की है। कलश स्थापना से पहले भगवान श्री राम चारों भाइयों को दूध से अभिषेक किया गया है। नए वस्त्र धारण कराए गए हैं और षोडशोपचार विधि से कलश की स्थापना करते हुए चैत्र नवरात्रि की पूजा अर्चना शुरू कर दी गई है। इस दौरान भगवान श्री राम की 16 विधियों द्वारा पूजा अर्चना की जाएगी और 21 अप्रैल को भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। 9 दिन तक भगवान श्री राम की यह विशेष पूजा अर्चना वैदिक विधि विधान से रामलला के मंदिर में की जाएगी रही है । इस दौरान आज शक्ति की पूजा भी की जा रही है रामलला के मंदिर में शक्ति की स्थापना करते हुए दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जा रहा है और रामायण का पाठ किया जा रहा है।
राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा प्रसाद वितरण पर रोक लगा दी गई है । 5 श्रद्धालुओं से ज्यादा एक बार में भक्त राम लला का दर्शन नहीं कर सकते हैं। बिना मास्क के रामलला के दरबार में प्रवेश नहीं मिल रहा है और कोरोना संक्रमण की जो भी नियम है उसका पालन कराया जा रहा है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हो रही है। ऐसे में हिंदू धर्म के लिए चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवमी के दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था अयोध्या में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव भी बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह जन्मोत्सव इस बार मनाया जाएगा। प्राचीन परंपरा के अनुसार ही भगवान श्री राम के जन्मोत्सव की पूजा अर्चना चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन से शुरू कर दी गई है। कोरोना पर विजय प्राप्त करने के लिए शासन और प्रशासन जो प्रयास कर रहा है उसका संत समाज स्वागत करता है और आम जनता से अपील करता है कि वह कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। और अपने घरों में रहकर पूजा अर्चना करें कलश स्थापना करें और भाव के साथ रामलला की पूजा करें जरूरी नहीं है कि आप संक्रमण काल में ज्यादा संख्या में भगवान के दर्शन करने मंदिर जाएं भाव से ही भगवान की प्राप्ति हो जाती है।